ग्वालियर। चम्बल अंचल में दलितों के बीस फीसदी वोट पाने के लिए सियासी घमासान मचा है. एक तरफ जहां बीजेपी 2018 के चुनावों में उसके पाले से छिटके दलित वोटों की वापसी के लिए ग्वालियर में एक बड़ा आयोजन अंबेडकर महाकुंभ के नाम से कर रही है. जिसके जरिए वह दलितों को अपना हिमायती दिखलाएगी. वहीं जिस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पूरी सरकार अपने द्वारा दलित कल्याण के लिए कामों को गिना रही है, उसी समय ग्वालियर में कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के नेता अंबेडकर की प्रतिमा पर उपवास करके पूछ रहे हैं कि महाकुम्भ में वे ये भी बताएं कि दलित बच्चों की स्कॉलरशिप के पैसे नहीं मिल रहे?
अम्बेडकर प्रतिमा पर धरने पर बैठे कांग्रेसी: एक तरफ मेला मैदान में दलितों को आमंत्रित करने के लिए आयोजित अम्बेडकर महाकुंभ का आयोजन चल रहा है. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया और अनेक मंत्री और बड़े बीजेपी के दलित नेता मौजूद हैं. वहीं कांग्रेस के नेता फूलबाग पर स्थित अंबेडकर उद्यान में बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे बैठकर उपवास कर रहे हैं. उनका कहना है कि अनुसूचित जाती, जनजाति और पिछड़ों की विरोधी बीजेपी को चुनाव में हार का दर सताने लगा है. इसलिए वह एक बार फिर अपना जाल इस वर्ग पर फेंकने के लिए दसियों करोड़ रुपए बर्बाद करके महाकुंभ के नाम पर मेगा इवेंट कर रही है. कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार ने कहा कि अगर यह दस बीस करोड़ रुपये लाइट, टैंट, बस, अफसरों और बीजेपी की मौजमस्ती पर खर्च करने की जगह दलितों के कल्याण पर खर्च कर दिया जाता तो कम से कम उनका भला हो जाता, लेकिन बीजेपी उनका भला नहीं चाहती बल्कि दिखावा करना चाहती है.