भोपाल। आदि शंकराचार्य के प्राकट्योत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "'अगर आचार्य शंकर नहीं होते तो यह भारत भी नहीं होता. क्योंकि भगवान राम ने उत्तर से दक्षिण को जोड़ा था, मगर, आदि शंकराचार्य ने सभी दिशाओं को जोड़ा था. आदि पुरुष शंकराचार्य जी के कारण यह संस्कृति बची है. आज मैं आत्मविश्वास के साथ कह रहा हूं कि शांति के दर्शन अगर विश्व को कोई कराएगा, तो वह भारतीय संस्कृति अद्वैत ज्ञान ही कराएगा. लोग कहते हैं कि सरकारों का काम पुल-पुलिया, स्कूल-सड़क अस्पताल आदि बनाना है. मैं कहना चाहता हूं कि काम तो संत ही कर रहे हैं, सरकार सहयोग कर रही है. सरकार हमेशा संतों के पीछे खड़ी रहेगी.''
सरकारें लोगों को सही दिशा देने में भी सहयोग करें: मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि "'मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहा हूं, मैंने लघु फिल्म में भी कहा था, सभी संतों के बीच में मैं फिर दोहरा रहा हूं, भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन अगर कराएगी तो भारतीय संस्कृति अद्वैत वेदांत ही कराएगा और कोई मार्ग है ही नहीं. सरकारें निर्माण और विकास का काम भी करें, लेकिन लोगों को सही दिशा देने में भी सहयोग प्रदान करें. किस काम की सरकार, अगर आचार्य शंकर के संदेश को हम जन जन तक न पहुंचा पाए.'' शिवराज ने राजनेताओं से अपील भी की है कि हम सिर्फ वोटों के समीकरण में जिंदगी ना गवाएं, देश की संस्कृति में भी आप योगदान दें.