ग्वालियर।कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया. जिससे लोगों को कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं अब अनलॉक होने के बावजूद छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और हाथ ठेले वालों को राहत नहीं मिली है, जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. रियायत मिलने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमण के डर से घरों से बाहर बहुत कम निकल रहे हैं. ऐसे में उनके पास ना तो घर चालाने के लिए पैसे हैं और ना ही दुकान का किराया भरने के लिए. अगर यही स्थिति रही तो लोग रोटी के लिए भी मोहताज हो जाएंगे.
छोटे दुकानदार हो रहे परेशान
ग्वालियर जिले में लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है, इसी के चलते जिला प्रशासन ने समय-समय पर लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन शहर में जो छोटे दुकानदार और हाथ ठेले वाले हैं, उनका काम- धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है. सरकार से रियायते मिलने के बाद जब भी ये लोग अपना ठेला या दुकान लगाते हैं, तो कोरोना के डर से कोई ग्राहक नहीं आता.
ठंडे पेय पदार्थों की इस बार नहीं हुई बिक्री
गर्मी के सीजन में आइसक्रीम, फालूदा और जो ठंडे पेय पदार्थ हैं, इनका कारोबार पूरे शहर में करोड़ों रुपए का होता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार पूरा धंधा चौपट हो गया. यही वहज है कि, अब छोटे दुकानदार परेशान हैं, जिनके दुकानों का किराया भी नहीं निकल पा रहा है. उनका कहना है कि, अगर यही स्थिति साल भर रही तो दुकानें खाली करनी पड़ेंगी.
व्यापारियों का धंधा हुआ मंदा
थोक विक्रेता, व्यापारी और ज्वेलर्स की बात की जाए, तो सभी दुकानें खाली पड़ी हैं. भले ही जिला प्रशासन ने लोगों को छूट दे दी हो, लेकिन लोग कोरोना संक्रमण के डर से दुकानों में नहीं आ रहे हैं. इन दुकानदारों का कहना है कि, किराया 40 से 50 हजार हर महीने देना होता है, जिसमें बिजली का बिल अलग है. इन चार महीनों में व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. दुकान का किराया चुकाने के लिए भी पैसे नहीं हैं.