ग्वालियर। इस समय पूरे देश भर के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. यही वजह है कि लगातार प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर चंबल अंचल में तेजी से आंकड़े (corona cases in gwalior) बढ़ रहे हैं. वहीं लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि लोगों की यह लापरवाही आगे चलकर मौतों में तब्दील हो जाती है. इसका सामना करना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी लोगों को करना पड़ा था. आज हम आपको ऐसे ही परिवार से मिलाने जा रहे हैं, जिसमें काल बनकर आई कोरोना की दूसरी लहर परिवार के कई लोगों को निगल गई.
कोरोना ने निगले माता-पिता
कोरोना संक्रमण से पहले शहर में रहने वाला यह सिकरवार परिवार अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहा था. सभी लोग अपने-अपने सपने पूरे कर रहे थे, लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण (corona infection in mp) ने दस्तक दी. इस परिवार को उसने अपनी चपेट में ले लिया. कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने इस परिवार को पूरी तरह हिला कर रख दिया. कई लोगों को निगल गया. कुर्ला शंकर पांडे खरवार परिवार की दोनों मुखिया को अपनी चपेट में ले लिया. उस कारण दोनों की मौत हो गई. आज इस सिकरवार परिवार में सिर्फ 25 साल का युवक आयुष और उसकी बड़ी बहन है. बहन की अभी शादी हो चुकी है. इस सिकरवार परिवार में सिर्फ अकेला आयुष बचा है, जो अपने माता-पिता के द्वारा संचालित प्राइवेट स्कूल को चला रहा है.
कोरोना की पहली लहर में पिता तो दूसरी में माता की हुई मौत
आयुष ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में उसके पिता की मौत हो गई. वहीं दूसरी लहर में कोरोना ने उसकी मां को चपेट में ले लिया. आयुष ने बताया कि कोरोना संक्रमण (death due to corona in mp) की दूसरी लहार काफी घातक थी. इस लहर में न तो ऑक्सीजन की व्यवस्था थी और न ही बेड उपलब्ध हो रहा पा रहे थे. ऐसा ही उनकी मां के साथ हुआ. बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बेड उपलब्ध हुआ. रेमडेसिविर लाख कोशिशों के बावजूद उपलब्ध हो पाया.