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एक लहर में पिता तो दूसरी में खोया मां को, कोरोना की तीसरी लहर पर सुनें आयुष की आपबीती - एमपी में कोरोना संक्रमण

कोरोना ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है, उन्हीं में से एक है सिकरवार परिवार. सिकरवार परिवार में अब सिर्फ आयुष और उनकी बड़ी बहन बची हैं. कोरोना काल (corona cases in gwalior) में उनके माता-पिता की मौत हो गई. कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के बाद आयुष सिकरवार लोगों से सावधानी बरतने और खुद का ध्यान रखने की अपील कर रहे हैं.

ayush
आयुष

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Published : Jan 7, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 8:00 PM IST

ग्वालियर। इस समय पूरे देश भर के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. यही वजह है कि लगातार प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर चंबल अंचल में तेजी से आंकड़े (corona cases in gwalior) बढ़ रहे हैं. वहीं लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि लोगों की यह लापरवाही आगे चलकर मौतों में तब्दील हो जाती है. इसका सामना करना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी लोगों को करना पड़ा था. आज हम आपको ऐसे ही परिवार से मिलाने जा रहे हैं, जिसमें काल बनकर आई कोरोना की दूसरी लहर परिवार के कई लोगों को निगल गई.

आयुष ने बयां किया दर्द

कोरोना ने निगले माता-पिता
कोरोना संक्रमण से पहले शहर में रहने वाला यह सिकरवार परिवार अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहा था. सभी लोग अपने-अपने सपने पूरे कर रहे थे, लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण (corona infection in mp) ने दस्तक दी. इस परिवार को उसने अपनी चपेट में ले लिया. कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने इस परिवार को पूरी तरह हिला कर रख दिया. कई लोगों को निगल गया. कुर्ला शंकर पांडे खरवार परिवार की दोनों मुखिया को अपनी चपेट में ले लिया. उस कारण दोनों की मौत हो गई. आज इस सिकरवार परिवार में सिर्फ 25 साल का युवक आयुष और उसकी बड़ी बहन है. बहन की अभी शादी हो चुकी है. इस सिकरवार परिवार में सिर्फ अकेला आयुष बचा है, जो अपने माता-पिता के द्वारा संचालित प्राइवेट स्कूल को चला रहा है.

कोरोना की पहली लहर में पिता तो दूसरी में माता की हुई मौत
आयुष ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में उसके पिता की मौत हो गई. वहीं दूसरी लहर में कोरोना ने उसकी मां को चपेट में ले लिया. आयुष ने बताया कि कोरोना संक्रमण (death due to corona in mp) की दूसरी लहार काफी घातक थी. इस लहर में न तो ऑक्सीजन की व्यवस्था थी और न ही बेड उपलब्ध हो रहा पा रहे थे. ऐसा ही उनकी मां के साथ हुआ. बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बेड उपलब्ध हुआ. रेमडेसिविर लाख कोशिशों के बावजूद उपलब्ध हो पाया.

आयुष के माता पिता

माता-पिता को याद करते हुए भावुक हो गए आयुष
बातचीत के दौरान आयुष भावुक हो गया. उसने कहा कि माता-पिता के जाने के बाद उनका परिवार पूरी तरह से बिखर गया. हम दोनों भाई-बहनों की देख भाल के लिए कोई नहीं बचा. मैं और मेरी बड़ी बहन ने काफी हिम्मत बढ़ाई और उसके बाद हमने अपने परिवार को संभाला. आज आयुष अपने माता-पिता के द्वारा संचालित किए गए. स्कूल को चला रहा है. जहां वह ऑफिस में बैठता है. वहां पर उनके पिता के लिए एक खाली कुर्सी हमेशा रहती है. वहीं ऑफिस में उसके माता-पिता की तस्वीर टंगी हुई है. उन्होंने बताया कि रोज आकर वह माता-पिता से आशीर्वाद लेता है. उन्होंने कहा कि कोरोना को हल्के में न लें. यह बहुत घातक है.

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ईटीवी भारत के माध्यम से सिकरवार ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. ऐसे में लोग बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें. उन परिवारों को पूछो, जिन परिवारों ने अपनों को खोया है. उसका वो दर्द आज तक नहीं भूल पाए हैं, जिनमें से एक परिवार मेरा भी है. कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करें और सरकार के द्वारा जो निर्देश दिए जा रहे हैं, उनका पालन करें.

Last Updated : Jan 10, 2022, 8:00 PM IST

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