ग्वालियर।जिले के सपूत भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को ग्वालियर गौरव दिवस मनाये जाने पर छाया कुहासा पूर्व मंत्री पवैया की नाराजगी के बाद छट गया है. शुक्रवार को पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने नाराजगी भरा चेतावनी देती हुई पोस्ट सोशल मीडिया पर की थी. इसके बाद खलबली मच गई और आनन फानन में कलेक्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की कि अटल जी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को ग्वालियर गौरव दिवस मनाया जायेगा, वो भी महाराज बाड़े पर ही मनाया जायेगा.
कलेक्टर का यू टर्न: कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि हमने कार्यक्रम निरस्त नहीं किया था. सर्दी को देखते हुए उसका स्थान परिवर्तन किया था, लेकिन अब फीडबैक मिला है कि सर्दी इतनी नहीं है तो कार्यक्रम महाराज बाड़े पर ही होगा. उन्होंने शहर के लोगों से बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लेने की अपील की है. कार्यक्रमों के तहत अखिल भारतीय कवी सम्मेलन होगा. सरोद वादक अमजद अली खां और उनके बेटों का सरोद वादन होगा. अनुराधा पौडवाल और सारेगामा के कलाकारों की प्रस्तुति होगी. अखिल भारतीय कवी सम्मेलन होगा और कुछ चुनिन्दा लोगों को अटल गौरव सम्मान भी दिया जायेगा.
प्रशासन ने रद्द किया था ग्वालियर गौरव दिवस:जयभान सिंह पवैया ने कहा कि ग्वालियर गौरव दिवस, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस 25 दिसंबर को अब नहीं मनेगा. यह सुनकर मन में वेदना हुई. इसके पीछे की मंशा क्या है? स्वतंत्र भारत में ग्वालियर के जिस सपूत ने अखिल विश्व में हमारी यश पताका फहराई, वह सिर्फ एक अटल जी ही हैं, उनके कद की तुलना नहीं हो सकती. इसलिए ग्वालियर-गौरव दिवस 25 दिसम्बर को ही होना चाहिए. इसमें किन्तु-परंतु करके उस पुण्यात्मा का अनादर करने की चेष्टा न की जाये.बता दें कि ग्वालियर का गौरव दिवस 25 दिसंबर को मनाया जा रहा था. जिसके लिए स्थान ग्वालियर का महाराज बाड़ा जिसे हार्ट ऑफ सिटी कहा जाता है. 18 दिसंबर से जो कार्यक्रमों की श्रृंखला गौरव दिवस की तैयारियों पर चल रहे थे, उन पर रोक लगा दी गई है. जिसमें हवाला दिया गया कि सर्दी बहुत ज्यादा है. इसलिए ग्वालियर के गौरव दिवस को कैंसिल किया जाता है. हालांकि कहा जा राह है कि ग्वालियर गौरव दिवस के कार्यक्रम को रद्द किए जाने की वजह कुछ और है.