ग्वालियर।देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की आज पुण्यतिथि हैं. अटल जी आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन ग्वालियर के लाडले सपूत की यादें हर ग्वालियरवासियों के दिलों में जिंदा हैं. भले ही अटल जी का जन्म यूपी के बटेश्वर गांव में हुआ हो, लेकिन उनका बचपन ग्वालियर के कमल सिंह के बाग में गुजरा है. उन्होंने प्राथमिक और स्नातक की शिक्षा यहीं हासिल की. एक अच्छे कवि और राजनीति की एक-एक बारीकी उन्होंने ग्वालियर की गलियों में सीखी. ग्वालियर के कोने-कोने में अटल जी की यादें जुड़ी हुई हैं, आज हम आपको अटल जी की पुण्यतिथि पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं.
अटल जी के पंसदीदा लड्डू
अटल जी खाने के बड़े शौकीन थे, अटल जी खुद भी खाते थे और दूसरों को भी खूब खिलाते थे. ग्वालियर में ऐसी कुछ चुनिंदा जगह मौजूद है, जहां उनका आना जाना अक्सर हुआ करता था. उन्हीं में से एक दुकान है बहादुरा स्वीट्स की. नया बाजार इलाके में स्थित बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल जी को खासतौर पर बहुत पंसद थे. इतना ही नहीं जब वो प्रधानमंत्री बने और ग्वालियर आना उनका कम हो गया, तो विशेष तौर पर उनके लिए बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते थे.
बहादुरा दुकान के संचालक और यहां आने वाले लोगों को गौरव महसूस होता है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादें ताज़ा हो जाती हैं. इस दुकान से लड्डू खरीदने आये मुंबई के लोगों का कहना है कि जब यहां से गुजरे तो सोचा लड्डू जरूर खाये जाएं क्योंकि इस दुकान से देश के लाडले सपूत अटल बिहारी बाजपेयी जी यादें जुड़ी हुई हैं.
अटल जी को जितना बहादुरा के लड्डू पसंद थे. उतने ही उन्हें अम्मा के मंगौड़े भी बेहद पसंद थे. छात्र जीवन से लेकर राजनीति के मंच तक पहुंचने के दौरान अटल जी लगभग हर शाम इस दुकान पर आते थे. अपने साथियों के अटल जी इस दुकान पर देर रात तक मंगौड़े और पकोड़े का लुत्फ उठाते थे. उस दौर में दुकान को अम्मा संचालित करती थीं, लिहाजा अटल जी रात के वक्त आते और फिर अम्मा के हाथों से बनी पकोड़ी और मंगौड़े का स्वाद लेते थे.