ग्वालियर। हथियारों का लाइसेंस पाने के लिए अब पहले पेड़-पौधों की रक्षा करनी होगी. यह आदेश ग्वालियर कलेक्टर ने जारी किए है. इस आदेश के मुताबिक आवेदक को 5 ट्री गार्ड (Tree Guard) आवेदन के साथ जमा करना होंगे. दरअसल मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल का हिस्सा हथियारों के क्रेज के लिए देश भर में चर्चा में रहता है. अंचल के लोग लाइसेंसी हथियार को अपनी प्रतिष्ठा का प्रतीक मानते हैं. यही वजह है कि यहां पर ज्यादातर लोगों के कंधे पर लाइसेंसी बंदूक दिखना आम बात होती है.
यदि आंकड़ों की बात की जाए, तो ग्वालियर में पूरे प्रदेश में हथियार के लाइसेंस के लिए सबसे ज्यादा आवेदन भी किए जाते हैं. लाइसेंसी बंदूक रखने शौक और लाइसेंस के लिए आवेदनों की संख्या को देखते हुए कलेक्टर ने पेड़-पौधों को बचाने के लिए यह अनोखा तरिका आपनाया है. कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि लाइसेंस के आवेदन पर अमल तब ही किया जाएगा, जब आवेदक 5 ट्री गार्ड कार्यालय में जमा करेगा.
शस्त्र शाखा में जमा कराने होंगे 5 ट्री गार्ड
ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पर्यावरण को लेकर यह अनूठी पहल की है. जिसके चलते अब आवेदक को अपने हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने के साथ 5 ट्री गार्ड कलेक्ट्रेट स्थित शस्त्र शाखा में जमा कराने होंगे. प्रशासन इन ट्री गार्ड का उपयोग पौधरोपण के दौरान करेगा, ताकि पौधा सुरक्षित वातावरण में वृक्ष का रूप ले सके.
सुरक्षा न मिलने के कारण 90 फीसदी पौधे हो जाते हैं खराब
हर साल जिला प्रशासन लाखों की संख्या में शहर को हरा-भरा करने के लिए पौधे लगाता है. लेकिन उन पौधों को लगाने के बाद उनकी देखरेख के लिए कोई भी नहीं पहुंचता है. यही वजह है कि कुछ दिन बाद यह लगाए गए पौधे पूरी तरह से मुरझा जाते हैं. लाखों रुपए के पौधे मिट्टी में मिल जाते हैं. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पौधों के बचाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है.