ग्वालियर। शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी से संबंधिक जांच कार्डियोलॉजी विभाग में स्थापित कैथ लैब में हो सकेगी. लेकिन लैब के लिए नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ को शासन ने मंजूरी नहीं दी, लिहाजा आउटसोर्स कर्मचारियों की मदद से कैथ लैब शुरू किया जा रहा है.
10 साल के इंतजार के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों की मदद से शुरू होगी कैथ लैब, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली
ग्वालियर शहर को एक बड़ी सौगात मिली है, गजराराजा मेडिकल कॉलेज में अब मरीजों को एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा मिलने लगेगी. जिससे दिल के मरीजों को निजी अस्पतालों के महंगे खर्च से मुक्ति मिल जाएगी.
दरअसल 2009 में जयारोग्य चिकित्सालय समूह के कार्डियोलॉजी विभाग में दिल के मरीजों की जांच के लिए कैथ लैब स्थापित किए जाने का प्रस्ताव मंजूर हुआ था. 2017 में साढ़े छह करोड़ की लागत से कैथ लैब मशीन खरीदी गई, राज्य शासन को मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन शासन ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी. लिहाजा अस्पताल प्रबंधन ने आउटसोर्स कर्मचारियों की मदद से कैथ लैब से शुरू करने का फैसला लिया है.
बता दें 35 आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर सालाना एक करोड़ 16 लाख रुपए का अतिरिक्त व्यय मेडिकल कालेज प्रबंधन पर पड़ेगा. एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सभी जांचें इस लैब में हो सकेंगी. इसके लिए मरीजों को निजी अस्पताल के महंगे खर्च और दिल्ली आने- जाने पर खर्च होने वाला समय और आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिलेगी.