ग्वालियर। दिवाली के बाद एक बार फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक चिंता जनक रुप में बढ़ गया है. मध्यप्रदेश में दिवाली पर पटाखे चलाने की छूट देने का असर ये हुआ कि, वायु की गुणवत्ता खराब हो गई है. ग्वालियर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर निकल गया है, जबकि उज्जैन में एक्यूआई 313, रतलाम में 307 और भोपाल में सबसे कम 189 आंका गया है. हैरानी की बात ये है कि, बढे़ हुए वाहनों के कारण वायु प्रदूषण लगातार शहरों में बढ़ रहा है. लोग ईंधन चलित वाहनों का जमकर उपयोग कर रहे हैं, जबकि वैकल्पिक साधनों जैसे इलेक्ट्रॉनिक बाइक और पैदल चलने पर लोगों का ध्यान अभी भी कम है.
दिवाली के बाद ग्वालियर में सबसे ज्यादा बढ़ा प्रदूषण, 400 के पार पहुंचा AQI - diwali in gwalior
मध्यप्रदेश में दिवाली पर पटाखे चलाने की छूट देने का असर ये हुआ कि, वायु की गुणवत्ता खराब हो गई है. ग्वालियर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर निकल गया है, जबकि उज्जैन में एक AQI 313, रतलाम में 307 और भोपाल में सबसे कम 189 आंका गया है.
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कोरोना वायरस के चलते दो महीने पहले तक वायु प्रदूषण संतोषजनक स्थिति में रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से लेकर 80 के बीच था. इस दौरान वाहन भी कम संख्या में चल रहे थे, लेकिन जैसे ही अनलॉक फेज वन और फेज टू शुरू हुआ. एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती चली गई. अब ये 165 के करीब पहुंच गया है, जो चिंताजनक कहा जा सकता है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बाद भी इस साल दीपावली पर जमकर आतिशबाजी की गई. दिवाली के दिन वायु प्रदूषण पिछले साल से पीएम 10 का स्तर ज्यादा रहा.
गोवर्धन पूजा के दिन भी खूब आतिशबाजी की गई, लेकिन बारिश ने प्रदूषण के स्तर को फिलहाल कम कर दिया है. हालांकि इस दिवाली पिछले साल के मुकाबले तेज धमाके वाले फटाखे कम संख्या में फूटे हैं. इससे ध्वनि प्रदूषण इस साल कम रहा. महाराज बाड़ा क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण पिछले साल की दिवाली के दिन जहां 81 डेसीबल रिकॉर्ड हुआ था, वहीं इस साल 79 डेसीबल रिकॉर्ड हुआ है. इससे कम रहवासी क्षेत्रों में 78 डेसीबल रिकॉर्ड किया गया. सबसे ज्यादा कमर्शियल और आवासीय क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर रहा है.