ग्वालियर।कोरोना काल में रखे गए सैकड़ों आउटसोर्स कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है. यह कर्मचारी अप्रैल महीने में ही ड्यूटी पर लिए गए थे. लेकिन अचानक से 10 जून को उन्हें बिना कोई पूर्व सूचना दिए नौकरी से हटा दिया गया. कर्मचारियों का कहना है कि नौकरी पर रखे जाते वक्त ऐसी कोई कंडीशन नहीं रखी गई थी कि उन्हें सिर्फ 2 महीने के लिए नौकरी पर लिया जा रहा है. नौकरी से निकाले जाने के बाद गुस्साए कर्मचारियों ने जयारोग्य चिकित्सालय समूह के अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. बाद में सभी गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता कार्यालय के बाहर धरना देने बैठ गए.
कई कर्मचारियों को पगार तक नहीं मिली
हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने तमाम जोखिम उठाकर कोरोना काल में संक्रमित मरीजों देखरेख की है, मरीजों के इलाज से लेकर देहांत तक में कर्मचारियों ने जोखिम उठाकर 12-12 घंटे पीपीई किट पहनकर काम किया. लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण पर काबू पाया गया, वैसे ही उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. बता दें, यह कर्मचारी इंदौर की अपडेटर सर्विसेज के जरिए नौकरी पर रखे गए थे. यह कर्मचारी सफाईकर्मी से लेकर वॉर्ड बॉय और हाउस कीपिंग के कार्य में लगाए गए थे. कुल 124 कर्मचारियों में से 100 से ज्यादा कर्मचारियों को हटा दिया गया. जिनका कहना है कि अगर उन्हें पता होता कि सिर्फ 2 महीने के लिए ही उनसे सेवाएं ली जाएंगी, तो वह इतना जोखिम उठाकर काम ही नहीं करते. वहीं हैरानी की बात यह भी है कि कई कर्मचारियों को 2 महीने की पगार भी नहीं मिली है. जो 10 से 12 हजार रुपए प्रति माह तय की गई थी.