ग्वालियर। तीन दिन पहले शहर में नकली प्लाज्मा के कारण एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई. जिसके बाद ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों के गिरोह का खुलासा हुआ है, जो कोरोना संक्रमितों को मंहगे दामों पर नकली प्लाज्मा बेचने का रैकेट चला रहे थे. शहर में नकली प्लाज्मा बेचने वाले रैकट का पर्दाफाश होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. कलेक्टर के निर्देशों के बाद जिले भर में जिला प्रशासन की टीम और स्वास्थ्य अधिकारी निजी ब्लड बैंकों में छापामार रहे हैं. ये कार्रवाई रविवार से शुरू हुई है. इस दौरान ब्लड बैंकों में आने-जाने वालों और मौजूद स्टॉक को चेक किया गया. स्वास्थ्य विभाग को मौके पर स्टॉक रजिस्टर मेंटेन नहीं मिला. शहर भर में कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन ने क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी है. क्राइम ब्रांच ने भी अलग से एक टीम गठित कर दी है.
प्रोफेशनल डोनर का रहता है जमावड़ा
जिले में निजी ब्लड बैंक पर प्रोफेशनल डोनरों का जमावड़ा रहता है. ये सभी लोग बिना जांच पड़ताल कराएं ब्लड डोनेट करते हैं. रविवार को प्रशासन ने हॉस्पिटल रोड स्थित राधास्वामी ब्लड बैंक पर कार्रवाई की. यहां स्टॉक रजिस्टर प्रॉपर नहीं मिला. फिलहाल ब्लड बैंक को सील नहीं किया गया है. लेकिन वहां के स्टॉक के अलावा ब्लड और प्लाज्मा डोनर के आने-जाने का पूरा ब्यौरा नोट किया गया. इस कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर भी मौजूद थे.
जानें पूरा मामला
शहर में नकली प्लाज्मा के कारण दतिया से इलाज कराने आए मनोज गुप्ता की मौत हो गई थी. उनकी मौत पर परिजनों ने डॉक्टरों द्वारा इलाज में लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई गई थी. जब मृतक का पोस्टमार्टम किया गया, तो खुलासा हुआ कि नकली प्लाज्मा के कारण उनकी मौत हुई है. जिसके बाद नकली प्लाज्मा बेचने के रैकेट का खुलासा हुआ.