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हेलमेट जागरुकता के लिए भारत भ्रमण पर निकला युवक, देश के हर जिले तक पहुंचना लक्ष्य - a trip to India to make people aware for helmet

हेलमेट की महत्वता बताने के लिए वन इंडिया वन राइड पर निकले दिल्ली के अंश ग्वालियर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरुक किया. अंश अपनी बाइक से देशभर के जिलों को कवर करेंगे और लोगों को जागरुक करने का काम करेंगे

Bike rider ansha
बाइक राइडर अंश

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Published : Jul 2, 2020, 6:55 PM IST

ग्वालियर। देश में बढ़ रहे सड़क हादसों से चिंतित दिल्ली निवासी एक युवक ने हेलमेट की महत्वता बताने के लिए लोगों जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. इस शख्स ने बाइक से प्रदेशों का भ्रमण करने के बाद, अब देश के 740 जिलों में पहुंचने का टारगेट बनाया है. अभी तक यह शख्स 300 जिलों में जा चुका है और अभी आगे का सफर जारी है.

जागरुकता के लिए भारत भ्रमण

दिल्ली के रहने वाले अंश हेलमेट जागरुकता को लेकर पिछले 20 माह से भारत भ्रमण कर रहे हैं. सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत में कमी लाने के लिए लोगों के बीच पहुंचकर वह बताते हैं कि बाइक राइड के दौरान हेलमेट जरूर लगाएं. अंश अब तक 95 हजार किमी की दूरी तय कर चुके हैं. इस दौरान कई परेशानियां भी आईं, लेकिन वे पीछे नहीं हटे. मणिपुर में वे पहाड़ी से भी गिरे, पांच घंटे तक बेहोश रहे, लेकिन हौसला नहीं खोया और कुछ घंटे आराम कर अगले पड़ाव की ओर निकल पड़े और वह ग्वालियर पहुंचे.

देश के हर जिले में पहुंचना लक्ष्य


अंश ने 2 अक्टूबर 2018 में यह अभियान दिल्ली से शुरू किया था. देश के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंचकर लोगों को अवेयर कर चुके हैं. दिसंबर 2019 तक वह 75 हजार किमी दूरी पूरी कर चुके थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने हर जिले तक पहुंचने का बीड़ा उठाया. अभी वह 740 जिलों में से 300 जिले पूरे कर चुके हैं और अब बाकी के जिलों तक पहुंचने के लिए उन्हें ढाई साल का समय और लगेगा.

जॉब छोड़ जागरुकता की ठानी


अंश फायनेंस कंपनी में नौकरी करते थे, सड़क हादसों में मौत के आंकड़ों ने उन्हें विचलित कर दिया. इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि देश के कोने-कोने में जाकर वह लोगों को अवेयर करेंगे. इस संकल्प के साथ वे बाइक से निकल पड़े. अभी वह खुद का खर्च और पेट्रोल का खर्च ऑनलाइन आर्टिकल लिखकर निकाल रहे हैं. वह कई वेबसाइट्स के लिए फ्री लांसर काम करते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अंश बैतूल में फंस गए थे, वहां उन्हें 90 दिन गुजारना पड़ा. 9 जून को वह वहां से रवाना हुए. मध्यप्रदेश के जिले पूरे करने के बाद छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगे.

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