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इस गांव में हुआ 90 फीसदी वैक्सीनेशन, जानें कोरोना को मात देने की कहानी - ग्वालियर के गांव में वैक्सीनेशन

ग्वालियर में बडेरा भारस गांव में 90 फीसदी टीकाकरण हो चुका है. गांव के लोग इस कदर जागरूक हैं कि टीकाकरण के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का इस कदर पालन कर रहे हैं कि माने वह उनके जीवन का हिस्सा हो.

Vaccination in gwalior
वैक्सीनेशन

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Published : May 21, 2021, 9:45 PM IST

ग्वालियर। पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना की महामारी से लोग जूझ रहे हैं. इस बीच ग्वालियर जिले की एक पंचायत से अच्छी खबर आई है. यह खबर ऐसी है जो सभी को वैक्सीनेशन और कोरोना से मुक्त करने की प्रेरणा दे रही है. जिले के भितरवार ब्लॉक की ग्राम पंचायत बडेरा भारस गांव के लोगों ने वह काम कर दिखाया है जो शहर के शिक्षित लोग भी नहीं कर पाए हैं. जिले के ग्राम पंचायत में 90 से 95 फीसदी टीकाकरण हो चुका है. यही वजह है कि गांव के लोगों ने कोरोना से मुक्ति पाकर सकारात्मक मिसाल पेश की है.

मिसाल बना ग्वालियर का यह गांव.

बडेरा भारस पंचायत में हुआ 90 फीसदी वैक्सीनेशन
शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत बडेरा भारस जिले में पहली ऐसी पंचायत है, जिसे कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित कर दिया है. ऐसा इसलिए संभव हो चुका है क्योंकि इस पंचायत में आने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के 90 फीसदी लोगों ने लॉकडाउन से पहले ही कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया था. जब शहर के वैक्सीन सेंटरों पर टीका लगवाने वाले लोग नहीं आ रहे थे. तब यहां के 90 फीसदी लोग वैक्सीनेशन करा चुके थे.

लॉकडाउन के बाद से पांच लोग हुए थे पॉजिटिव
जिले की इस पंचायत में पांच गांव हैं और लगभग 3500 की जनसंख्या है. बहुत कम देखा जाता है कि जब किसी अभियान को पूरा करने के लिए पूरी पंचायत एकजुट हो जाए, लेकिन बडेरा भारस पंचायत में जागरूकता और एकजुटता की मिसाल पेश करते हुए अपनी पंचायत को वैक्सीन लगवाकर कोरोना मुक्त करा लिया है. 15 अप्रैल से जिले में लॉकडाउन लगने के बाद इस पंचायत में चार लोग कोरना पॉजिटिव पाई गए थे, लेकिन अब उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई है.

जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है सोशल डिस्टेंसिंग
कोरोना संक्रमण में शहर में आपने कई ऐसी तस्वीरें देखी होंगी, जिसमें न तो लोग मास्क लगाए हैं और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं. अगर थोड़ी सी भी छूट दी जाए तो कई जगह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. इस गांव में प्रशासन के द्वारा कोई भी प्रतिबंध न होने के बावजूद यहां कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से बखूबी ख्याल रखा जा रहा है. यहां के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को अपनी जीवनशैली का इस कदर हिस्सा बना लिया है कि लॉकडाउन के दौरान गांव में कुल 40 शादियां हुईं, लेकिन उनमें घर के लोगों को छोड़कर गांव का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ. गांव में लोग अपने घरों और चौपालों पर सोशल डिस्टेंसिंग वह मुंह पर साफे बांधे रहते हैं. साथ ही दूसरे गांव को जोड़ने वाली रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है. पंचायत में आने वाले पांच गांवों में किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना प्रतिबंधित है.

शहर से आने वाले लोगों का होता है विरोध
बडेरा गांव में बच्चे बुजुर्ग और महिलाएं हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखती हैं. अगर कोई व्यक्ति शहर से आया होता है, तो उससे गांव के लोग दूर रहते हैं. उसे सात दिन तक परिवार और गांव के लोगों को दूर रहने के लिए बोला जाता है. उसके बाद गांव के लोग उससे वार्तालाप करते हैं. उसमें किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल उसे टेस्ट कराने के लिए बोला जाता है. अगर वह टेस्ट कराने के लिए आनाकानी करता है, तो गांव वाले प्रशासन को इसकी सूचना देते हैं. गांव के लोगों की यही मेहनत का नतीजा है कि गांव में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है.

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255 ग्राम पंचायत में से बडेरा भारस पहली पंचायत
ग्वालियर जिले में कुल 255 ग्राम पंचायत हैं. जिनमें बडेरा भारस पहली ऐसी पंचायत है जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो गई है. यह पूरी तरह से ग्रामीणों के सहयोग से ही संभव हुआ है. जिला पंचायत सीईओ किशोर कन्याल का कहना है कि गांव के लोग सहित सरपंच और सचिव भी जागरूक हैं. उन्होंने भी लगातार मेहनत की और यही नतीजा है कि आज यह पंचायत कोरोना मुक्त हो चुकी है. साथ ही उनका कहना है कि इसके अलावा 30 से अधिक और ग्राम पंचायत हैं, जो जल्द ही कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाली हैं. यहां भी 90% सफलता मिल गई है.

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