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दिमागी बुखार से दो दिन में 4 बच्चों की मौत, प्रशासन को नहीं भनक

कोरोना (corona) के बाद अब ग्वालियर चंबल अंचल (Gwalior Chambal Zone) में दिमागी बुखार (brain fever) बच्चों के घातर बन रहा है. बुखार की चपेट में आने से कमलाराजा अस्पताल (Kamla Raja Hospital) में अब तक 4 बच्चों की मौत हो चुकी है.

दिमागी बुखार
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Published : Sep 29, 2021, 1:18 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 2:22 PM IST

ग्वालियर (Gwalior)। ग्वालियर चंबल अंचल (Gwalior Chambal Zone) में बच्चों के लिए दिमागी बुखार (brain fever), वायरल (Viral) और डेंगू (Dengue symptoms) लगातार घातक होता जा रहा है. आज यानी बुधवार सुबह बुखार (Fever) के चलते कमलाराजा अस्पताल (Kamla Raja Hospital) में भर्ती 2 बच्चों ने दम तोड़ दिया. इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को अस्पताल में दिमागी बुखार के चलते दो बच्चों की मौत (Death) हो चुकी है. इससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं (health system) पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. हालात यह है कि कमलाराजा के आईसीयू वार्ड (icu Ward) में 3 गुना बच्चे भर्ती है, मतलब एक बेड पर 4 से 5 बच्चे भर्ती हैं.

बच्चों में तेजी से फैल रहा है दिमागी बुखार
ग्वालियर (Gwalior) में कमलाराजा अस्पताल (Kamla Raja Hospital) में डेंगू (Dengue) और वायरल के बाद अब दिमागी बुखार बच्चों में तेजी से फैल रहा है. अस्पताल में अंचल के अलग-अलग जिलों से बच्चे भर्ती हो रहे हैं. इसके साथ ही अंचल से सटे यूपी के जिले जैसे झांसी, इटावा, ललितपुर, जालौन, औरैया से बच्चे आ रहे हैं. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या यह वही वायरल तो नहीं जो उत्तर प्रदेश में फैला था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस पर चुप्पी साधे हुए है.


स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से ध्वस्त
दरअसल, अंचल के सबसे बड़े अस्पताल कमलाराजा (Kamla Raja Hospital) में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. हालात यह हो चुके हैं कि अस्पताल के आईसीयू में 36 बेड पर 90 बच्चे भर्ती हैं. यह बच्चे ज्यादातर दिमागी बुखार, डेंगू और वायरल से पीड़ित है. इसके साथ ही दर्जनों बच्चे यहां जमीन पर लेटकर इलाज करा रहे हैं. पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ अजय गौड़ का कहना है इस समय वायरल तेजी से फैल रहा है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने मामले में जांच शुरू कर दी है.


बढ़ रही है डेंगू मरीजों की संख्या
शहर में मौसमी बीमारी के साथ-साथ मलेरिया और डेंगू के मरीज भी ज्यादा निकल रहे हैं. ग्वालियर शहर प्रदेश का चौथा ऐसा शहर बन गया है जहां पर सबसे अधिक डेंगू के मरीज पाए जा रहे हैं. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से दवाइयों की डिमांड भी दोगुनी हो गई है. डेंगू के इलाज में उपयोग की जाने वाली ग्लूकोस की बोतल और टेबलेट की कमी के चलते मरीजों के परिजनों को दवाइयां अब बाहर से खरीदनी पड़ रही है.

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स्वास्थ्य विभाग धीमी रफ्तार से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
शहर में लगातार डेंगू की केस बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम का काम दिखाई नहीं दे रहा है. जिले में करीब 5 लाख घर हैं और डोर टू डोर एंटी लार्वा अभियान के लिए मलेरिया विभाग के पास सिर्फ 27 कर्मचारी है. निगम क्षेत्र में तीन वार्ड पर एक कर्मचारी है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि जनवरी से अभी तक 2 लाख 90 हजार घरों का सर्वे हुआ है. लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है यही वजह है कि संसाधन कम होने के चलते स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम का अमला घर नहीं पहुंच रहा है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 2:22 PM IST

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