ग्वालियर। चंबल अंचल में प्री मानसून के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है. शहर में डेंगू के 3 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जिनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जिम्मेदार अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाने के बजाय गहरी नींद में सो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक न तो फॉगिंग का काम शुरू किया है और ना कोई दूसरा इंतजाम.
चंबल अंचल में डेंगू की एंट्री अंचल में पिछले साल डेंगू ने विकराल रूप ले लिया था और 1500 से अधिक डेंगू के मरीज मिले थे, जिनमें से 9 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल की घटना से स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं लिया. मानसून की बारिश के बाद शहर और सरकारी दफ्तरों में पानी भरा हुआ है, जिसके चलते डेंगू का लारवा तेजी से पनप रहा है.
खबर प्रकाशित होने के बाद भी अनदेखी
4 दिन पहले भी ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि संभागीय कमिश्नर दफ्तर के सामने पानी से भरे एक मटके में सैकड़ों की तादाद में डेंगू का लारवा पनप रहा है. जिसके चलते यहां आने वाले लोग डेंगू की चपेट में आ सकते हैं. इससे साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ अधिकारियों के दफ्तरों को लेकर भी गंभीर नहीं है.
अधिकारी कर रहे ये दावा
ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट है, जिसके चलते हर शासकीय विभाग के एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई है, जो अपने आसपास लारवा पनपने नहीं देने के लिए काम करेगा. शहर के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में फॉगिंग का काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. जेएच अस्पताल के अधीक्षक अशोक मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त दवाएं हैं, अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है.