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ग्वालियर 2021: चंबल अंचल में आई बाढ़ ने मचाई थी तबाही, 10 हजार करोड़ का नुकसान, नहीं मिला मुआवजा

साल 2021 को खत्म होने में कुछ ही दिन बचे है. इस साल में कई घटनाएं हुई जिसने हमें प्रभावित किया. कुछ घटनाओं ने हमें खुशियों से लबालब कर दिया, तो कुछ घटनाओं ने हमें अंदर तक झकझोर दिया. 2021 को अलविदा कहने और 2022 की शुरुआत करने से पहले बिते साल के कुछ पहलुओं को याद करते है...

devastation caused by floods in Chambal region
चंबल अंचल में बाढ़ से मची तबाही

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Published : Dec 25, 2021, 10:09 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 8:36 AM IST

ग्वालियर।साल 2021 हम से अलविदा कहने वाला है, लेकिन साल 2021 में कुछ ऐसी घटनाएं घटित हुई है जो हमेशा हमारे दिल और दिमाग में जिंदा रहेगी. इनमें से एक घटना है ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़... साल 2021 में ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़ ने हजारों घर को पूरी तरह से तबाह कर दिया. इस बाढ़ से चंबल अंचल के 8 जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए. 8 जिलों में हजारों घर बेघर हो गए. हजारों की संख्या में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. चंबल अंचल में इस बाढ़ का कहर 15 दिन तक रहा था.

सरकार से लेकर प्रशासन को 24 घंटे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी. हालात यह हो चुके थे कि सरकार को सेना की मदद मदद लेनी पड़ी. सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान तक निकाला. इस पूरी बाढ़ त्रासदी में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. लगभग दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. पढ़िए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ आने से डूब गए थे कई गांव

2021 की बाढ़ को नहीं भूल पाएंगे अंचल के लोग

साल 2021 में कई साल बाद ग्वालियर चंबल अंचल में ऐसी भयानक बाढ़ आई थी. उस समय हालात ऐसे थे कि अंचल के हर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था. बाढ़ का कहर अंचल के सभी जिलों में दिखा था. इसमें हजारों की संख्या में जानवर पानी के साथ बह गए, जिनका आज तक पता नहीं लग पाया. इसके साथ ही कई घर भी पानी में बह गये. इस बाढ़ के कारण दो हजार से अधिक लोग बेघर हो गए. इसका दर्द यह लोग कभी नहीं भूल पाएंगे.

रेसक्यू करते आर्मी के जवान

त्रासदी में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

2021 में आई इस बाढ़ के कारण हजारों गांव ऐसे, जो पूरी तरह बर्बाद हो गए. सैकड़ों लोगों ने गांव छोड़ दिया. वहीं सैकड़ों लोगों की गृहस्ती के नाम पर कुछ नहीं बचा. जो कुछ था वह सब मलबे में तब्दील हो चुका था. बर्बादी का ऐसा मंजर शायद कभी किसी ने नहीं देखा होगा.

बाढ़ में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ. उनके खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई. सरकारी आकलन के अनुसार अंचल के जिलों में लगभग 2000 से अधिक गांव में ऐसे थे. जहां डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. जब सरकार द्वारा राजस्व विभाग ने गांव-गांव जाकर इसका सर्वे किया तो प्रशासन की आंकड़ों के अनुसार 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. वहीं दो लाख से ज्यादा लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे.

मलबे में तब्दील हुए गांव

2000 से अधिक गांव बन गए मलबा

चंबल अंचल में आई बाढ़ ने सबसे अधिक ग्रामीण इलाकों को अपनी चपेट में लिया था. इस त्रासदी में दो हजार से अधिक घर बुरी तरह प्रभावित हुए थे. बाढ़ का पानी घुसने से मकान मलबे में तब्दील हो चुके थे. घरों में रखा अनाज पूरी तरह खराब हो गया.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया था आश्वासन

बाढ़ का कहर शांत होने के बाद खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंचल में कई दौरे किए. उसके बाद बाढ़ प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार जल्द इस बाढ़ में जिन लोगों का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करेगी. उसके बाद आनन-फानन में सरकार ने जिला स्तर पर सर्वे करने के लिए टीम बना दी. उसका सर्वे का काम शुरू कर दिया था.

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70 फीसदी बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा

इस बाढ़ ने चंबल के 8 जिलों को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया था. उसके बाद खुद सरकार ने यह जिम्मेदारी ली थी कि लोगों का जितना नुकसान हुआ है उसकी पूरी भरपाई सरकार करेगी. इस बाढ़ त्रासदी को लगभग 6 महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक सैकड़ों घर ऐसे हैं जिनको सरकार की तरफ से मदद नहीं मिल पाई है.

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Last Updated : Dec 26, 2021, 8:36 AM IST

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