ग्वालियर। शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार और रसूखदार अधिकारियों की मिली भगत के चलते एक भ्रष्टाचार के मामले को दर्ज होने में दस साल लग गए, आपको बता दें कि श्योपुर उपज मंडी में दो करोड़ साठ लाख की अनियमितता की शिकायत दस वर्ष पूर्व की गई थी, जिसके दस साल बाद ईओडब्ल्यू ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, यहां देखने वाली बात ये भी है कि पांच आरोपियों में से दो आरोपियों कीमत हो चुकी है.
- 10 साल बाद घोटाले का खुलासा
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कृषि उपज मंडी समिति द्वारा नवीन मंडी प्रांगण जैद में भारत सरकार की कृषि विपगण योजनांतर्गत सात निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई थी, जिसकी निविदाओं में हेरा फेरी कर, ठेकेदार को 2 करोड़ 60 लाख रुपयों का भुगतान कर आर्थिक अनियमितता की गई थी, जिसकी शिकायत शिव राम शर्मा ने साल 2010 में की थी, जिसकी जांच 10 साल बाद पूरी हुई, जांच में खुलासा हुआ कि 5 आरोपियों के द्वारा कृषि उपज मंडी में घोटाला किया गया है, जिस पर आरोपी अशोक कुमार शर्मा तत्कालीन मुख्य अभियंता मध्यप्रदेश राज्य कृषि बोर्ड भोपाल, दिनेश गौड़ तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुरोध सिंह तोमर तत्कालीन सचिव, मनवीर सिंह चौहान ठेकेदार, नारायण सिंह चौहान ठेकेदार एवं अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, वहीं इस मामले में दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है, जिसमें कार्यपालन यंत्री दिनेश गौड़ और ठेकेदार मानवीर सिंह चौहान की मौत हुई है, फिलहाल अन्य आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
- कृषि उपज मंडी में 5 करोड़ का घोटाला