गुना। मध्यप्रदेश में बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी का दर्जा मिला हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद भी सरकारी मंच पर बेटियों के पैर धोने के बाद ही कार्यक्रमों की शुरुआत करते हैं. लेकिन गुना जिले में लाड़ली लक्ष्मी के हाथों से किताबें छुड़ाकर झाड़ू थमा दी गई है. जिले में मामा शिवराज भांजियों को शौचालय साफ करना पड़ता है, जिनकी तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
गुना में स्कूली छात्राएं कर रही शौचालय साफ छात्राएं कर रहीं शौचालय साफ: गुना में सरकारी स्कूलों के हालातों को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हैरान रह जाएंगे. बमोरी विधानसभा क्षेत्र के चकदेवपुर सरकारी स्कूल में छात्राओं का शौचालय साफ करते हुए फोटो वायरल हो रहे हैं, जिन्होनें सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. हाथ में झाड़ू और बाल्टी लिए छात्राओं की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं. शासकीय माध्यमिक विद्यालय चकदेवपुर में पढ़ रहीं 5 वीं एवं 6 वीं क्लास की छात्राओं से शौचालय साफ कराया गया.
बेटी पढ़ाओ अभियान की खुली पोल: स्कूल की यूनिफॉर्म में छात्राएं टॉयलेट की सफाई कर रही हैं. तस्वीरों में 6 छात्राएं हैंडपंप से बाल्टी में पानी भरकर लाती दिखाई दे रही हैं और टॉयलेट की सफाई कर रही हैं. सीएम शिवराज की लाड़लियां मजबूर हैं गंदगी से भरे जर्जर शौचालयों को साफ करने के लिए. तस्वीरों के वायरल होते ही कांग्रेस भी प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि, तस्वीरें बेहद आपत्तिजनक हैं. मामाजी की सरकार में स्कूल में भांजियों से शौचालय साफ कराया जा रहा है. ये है बेटी पढ़ाओ अभियान की हकीकत!
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फोटो वायरल होते ही मचा हड़कंप: छात्राओं की तस्वीरें वायरल होते ही जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गया. चूँकि मामला पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र बमोरी से जुड़ा हुआ है. इसलिए आनन फानन में जिला शिक्षा अधिकारी को चकदेवपुर के सरकारी स्कूल में निरीक्षण के लिए रवाना कर दिया गया. स्कूल पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने छात्राओं से चर्चा की, जिसके बाद वीडियो जारी किया गया कि छात्राएं शौचालय साफ नहीं कर रही थीं.
मंत्री के कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश: डीईओ सोनम जैन ने कहा कि, जांच के दौरान लड़कियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने शौचालयों की सफाई नहीं की थी और शौचालयों का उपयोग करने के बाद मंगलवार को परिसर में एक हैंडपंप से पानी लाकर पानी डाला था. क्योंकि वे बारिश के कारण गंदे हो गए थे. उन्होनें कहा कि, लड़कियों के साथ-साथ उनके माता-पिता और स्कूल के स्टाफ सदस्यों के भी बयान दर्ज किए हैं और उन सभी ने इस बात से इनकार किया कि छात्रों को शौचालय साफ करने के लिए कहा गया था. एक अधिकारी ने कहा कि, सुबह स्थानीय मीडिया में छात्राओं के हाथों में झाड़ू पकड़े और हैंडपंप से पानी लेकर शौचालय की सफाई करते हुए तस्वीरें सामने आने के बाद राज्य के मंत्री सिसोदिया ने गुना कलेक्टर को मामले की जांच करने का निर्देश दिया.
स्कूलों में शौचालयों की हालत खस्ता: जब छात्राओं से इस विषय में पूछा गया, तो वे सकपकाते हुए सफाई देने से बचती रहीं. हालांकि छात्राओं के अभिभावक स्कूल प्रबंधन के कृत्य से नाराज दिखे. दरअसल, गुना जिले में 2311 सरकारी स्कूल हैं. जिनमें 4700 से ज्यादा शौचालयों की जरूरत है. लेकिन महज 890 शौचालय ही ठीक ठाक हालातों में संचालित हैं. दुर्दशा को देखते हुए 125 शौचालयों की मरम्मत के लिए 25 लाख रूपये भी आवंटित किये गए थे. लेकिन लाखों रूपये की सरकारी राशि का क्या हुआ, इसका कोई हिसाब किताब नहीं है. (School girls cleaning toilets in Guna) (School girls cleaning toilets in Guna) (Girls cleaning toilets in school uniform guna)