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सड़क के नामकरण को लेकर सिंधिया के खिलाफ बवाल

गुना शहर में एक सड़क का नाम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया के दादा और दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सागर सिंह सिसौदिया के नाम पर रखे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जानिए पूरी खबर

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सड़क मार्ग को लेकर बवाल

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Published : Mar 5, 2021, 9:42 AM IST

Updated : Mar 5, 2021, 11:01 AM IST

गुना:एमपी के गुना शहर में एक सड़क मार्ग का नाम राज्य के पंचायत एंव ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के दादा और दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सागर सिंह सिदौदिया के नाम पर रखे जाने पर बवाल मच गया है. इस मार्ग का उद्घाटन राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. इसके बाद इंदौर में प्रदर्शनकारियों ने सिंधिया के खिलाफ विवादास्पद पोस्टर लगा दिया. हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लौटाते हुए पोस्टर हटवा दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने खुद को इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक अहिल्याबाई होलकर के भक्त बताया.

गुना में सड़क के नाम का उद्घाटन करने पर सिंधिया का विरोध

प्रदर्शनकारियों ने लगाया सिंधिया का आपत्तिजनक पोस्टर

बताया जा रहा है कि पूर्व होलकर शासकों के इंदौर स्थित राजबाड़ा महल के सामने बृहस्पतिवार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा के पास एक बैनर टांग दिया था, जिस पर लिखा था-‘‘पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर, सिंधिया को सद्बुद्धि दें. इस बैनर में अहिल्याबाई होलकर और सिंधिया, दोनों की तस्वीरें थीं. इसमें सिंधिया की तस्वीर पर लाल रंग से ‘‘क्रॉस’’का निशान भी बना था.

नगर पालिका परिषद गुना का संकल्प पत्र

मार्ग के नाम पर क्यों मचा है बवाल

दरअसल गुना के नवीन मार्ग सोनी कॉलोनी और चौधरनी कॉलोनी को जोड़ते हुए बूढ़े बालाजी मंदिर और टेकरी मंदिर तक रास्ता जाता है. नगर पालिका परिषद गुना ने 6 अगस्त 2019 को पीआईसी से संकल्प पारित कर इस मार्ग का नाम स्वतंत्रता संग्रामी सेनानी सागर सिंह सिदौदिया के नाम पर किया था. . इस मार्ग के नाम का शुभारंभ एक मार्च को राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. ईटीवी भारत के पास भी नगर पालिका के संकल्प पारित की कॉपी है. लेकिन अब सोशल मीडिया पर तथ्य प्रसारित किए जा रहे हैं कि उक्त मार्ग देवी अहिल्या बाई के नाम पर था जिसे हटाकर मंत्री महेंद्र सिंह सिदौदिया के दादा सागर सिंह सिसौदिया के नाम पर कर दिया गया है.

सिंधिया के स्वागत में लगाए गए बीजेपी नेताओं के पोस्टर नगर निगम ने हटाए

नगर पालिका अधिकारी ने स्पष्ट की स्थिति

नगर पालिका अधिकारी ने इस मामले में कहा कि सोशल मीडिया द्वारा उक्‍त मार्ग के संबंध में यह तथ्‍य प्रसारित हो रहा है कि उक्‍त मार्ग देवी अहिल्‍या बाई के नाम से था जिसे हटाकर स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी सागर सिंह सिसौदिया के नाम कर दिया गया है, यह असत्‍य एवं भ्रामक है. पूर्व में ऐसा कोई नामांकरण संबंधित प्रस्‍ताव नगर पालिक परिषद गुना के समक्ष में नही आया है. जब भी कोई प्रस्‍ताव नगर पालिक परिषद के सम्‍मुख आएंगे तो उन पर नियमानुसार विचार कर निर्णय लिए जाएंगे. स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी स्‍व. सागर सिंह सिसौदिया जिले के पहले स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. इस आशय की पट्टिका जिला जेल में आज भी लगी हुई है.

पाल समाज ने कहा ये सिर्फ अफवाह

वहीं गुना पाल महासभा के जिलाध्यक्ष प्रदीप पाल और जमीन के दान दाताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस संदर्भ में अपना पक्ष रखा. अध्यक्ष प्रदीप पाल ने कहा कि स्थानीय नई टेकरी रोड का नामकरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सागर सिंह सिसौदिया के नाम पर किए जाने के खिलाफ कुछ लोग निरंतर अफवाह फैला रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व यह भ्रम फैला रहे हैं कि उक्त मार्ग का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर था, जबकि यह पूरी तरह अफवाह है. उन्होंने कहा कि सुनी हुई बातों पर सिंधिया के खिलाफ गलत बातें लिखकर डाल रहे हैं. ये मार्ग देवी अहिल्याबाई के नाम से नहीं था, बिना जानकारी के टीका टिप्पणी कर रहे हैं. यह एकदम झूठी घटना है. सिंधिया और सिसोदिया की छवि खराब करने का यह षड्यंत्र है. दानदाताओं को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है.

कौन थे सागर सिंह सिसौदिया ?

सागर सिंह सिसौदिया गुना क्षेत्र के बेहद प्रतिष्ठित शख्सियत थे. और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ ही पूर्व विधायक भी थे, उनके नाम पर संबंधित सड़क के नामकरण का संकल्प गुना की नगर पालिका परिषद ने छह अगस्त 2019 को सर्वानुमति से पारित किया था. इससे पहले यह सड़क किसी भी हस्ती के नाम पर नहीं थी.

सिंधिया के बेहद करीबी हैं महेंद्र सिंह सिसौदिया

गुना के बमोरी क्षेत्र की विधानसभा के विधायक महेन्द्र सिंह सिसौदिया, सिंधिया के वफादार समर्थकों में गिने जाते हैं. वह राज्य में कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में शामिल थे जिनके साल भर पहले पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लेने से कमलनाथ सरकार को इस्तीफा देने में मजबूर कर दिया था.

Last Updated : Mar 5, 2021, 11:01 AM IST

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