गुना।केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार प्रधानमंत्री आवास योजना में हर रोज फर्जीवाड़े निकलकर सामने आ रहे हैं. गुना नगरपालिका द्वारा हाल ही में पीएम आवास की जो लिस्ट जारी की गई है उसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री आवास में फर्जीवाड़े का मुद्दा कांग्रेस ने उठाया था, लेकिन अब नगरीय प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त ने फर्जीवाड़े की पोल खोलने के आदेश विभागीय स्तर पर जारी कर दिए हैं. (Additional collector started investigation)
PM आवास योजना घोटाला! छत की आस में 140 लोग 'बर्बाद'
वार्ड 19 में हुआ सबसे बड़ा घोटालाः प्रधानमंत्री आवास की जो सूची जारी की गई उसमें खुलासा हुआ कि अकेले वार्ड क्रमांक 19 में 189 पीएम आवास आवंटित कर दिए गए. जबकि कुल 289 पीएम आवास को मंजूरी दी गई थी. अन्य 36 वार्डों में बाकी बचे 100 में से केवल 3-3 आवास ही दिए गए. गुना नगर में कुल 37 वार्ड हैं जिनमें सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा वार्ड क्रमांक 19 में पाया गया. पड़ताल करने पर पता चला कि आवेदन के आधार पर नियमों का उल्लंघन करते हुए पीएम आवास रेवड़ी की तरह बांट दिए गए. इस मामले में आर्थिक भ्रष्टाचार की बात भी सामने निकल कर आ रही है. प्रति आवास 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने की बात निकलकर सामने आ रही है. (guna 189 pm houses allotted in 1 ward)
एक ही परिवार को आवंटित हुए 5 मकानःअपर कलेक्टर आदित्य सिंह ने पीएम आवास फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है. ईएम आवास की फाइलें भी तलब कर ली गई हैं. जांच में पता चला कि पीएम आवास के लिए जो नक्शा जारी किया गया था हितग्राहियों द्वारा उसे बदलकर दो मंजिला आवास निर्मित कर दिए गए. कइयों जगह दुकानें भी बना दी गईं. कई जगह पीएम आवास किराए पर दे दिए गए. एक ही परिवार में 5-5 आवास आवंटित कर दिए गए. फर्जीवाड़े की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. आवेदन लेने के बाद आवास की डीपीआर जारी करते वक्त दस्तावेजों के लेनदेन की प्रक्रिया में भी खामियां मिली हैं. गड़बड़ियों के बीच नगरपालिका के CMO इशांक धाकड़ छुट्टी पर चले गए हैं. वहीं कलेक्टर ने नगरीय प्रशासन आयुक्त को डीओ लेटर लिखकर CMO के तबादले की अनुशंसा की है. नगरपालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता भी नगरपालिका में मौजूद नहीं रहती जिसके चलते जनता में निराशा है. (5 houses allotted to the same family)