गुना।पटवारी एवं राजस्व विभाग की लापरवाही का खामियाजा भी किसान को उठाना पड़ रहा है. मामला आरोन तहसील के बारौद गांव का है. जहां पटवारी ने खरीदी के पंजीयन में चना की जगह गेहूं का पंजीयन कर दिया. जिससे किसान का चना नहीं बिक पा रहा है और वो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.
पटवारी की एक गलती किसान पर पड़ी भारी, चने की फसल को दस्तावेजों में बता दिया गेहूं - crop selling in msp
गुना के बारौद गांव के पटवारी ने किसान गिरिराज यादव की आठ बीघा में बोए गए चने की फसल के रिकॉर्ड मे गेहूं में दर्शा दिया. जिससे किसान का चना नहीं बिक पा रहा है और वो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है.
दरअसल, किसान गिरिराज यादव ने अपनी 8 बीघा जमीन पर चना बोया था. जिसको समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए वे पंजीयन कराने पहुंचे. जहां ऑनलाइन पंजीयन करने के दौरान पता चला का उनकी जमीन में गेहूं बोना दर्शाया गया है. जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है. उनका आरोप है पटवारी पवन भार्गव ने बिना कोई सर्वे किए तहसील कार्यालय में बैठे-बैठे रिपोर्ट बना दी. जिससे ऑनलाइन पोर्टल में उनकी जमीन पर सिर्फ गेहूं दिखा रहा है.
इस समस्या को लेकर वे एसडीएम से भी गुहार लगा चुके हैं. जिसके चलते एसडीएम ने पटवारी को दोबारा सर्वे कर सही रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे. लेकिन उसके बाद भी पटवारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद उन्होंने सोमवार को कलेक्टर से अपनी फरियाद की. इस दौरान उन्होंने लापरवाह पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.