गुना। राघोगढ़ तहसील के छोटे से गांव की बेटी ने ना केवल सफलता की नई इबारत लिखी है, बल्कि ये भी साबित कर दिया कि सामाजिक मर्यादा, रिश्तों का बंधन और सुविधाओं का अभाव भी शिक्षा के आड़े नहीं आ सकता. जी हां राघोगढ़ के कमरपुरा पाटई गांव में रहने वाली बेटी को एक मल्टी नेशनल कंपनी में 3 लाख 75 हजार के पैकेज पर जॉब ऑफर किया है. जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए माता-पिता ने कर्ज लिया था.
कमर पुरा पाटई जैसे छोटे से गांव में रहने वाली रीना ढीमर एक आशा की किरण बनी हैं जो कोसों दूर तक फैले अंधेरे की खाई को अपनी रोशनी से पाट देता है. रीना के माता-पिता लघु किसान हैं जो अपनी 6 बीघा के खेत में सब्जियां लगाकर किसी तरह अपनी चार बेटी और दो बेटों का जीवन यापन करने के साथ उन्हें पढ़ा लिखा रहे हैं.