मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP Panchayat Election: 'घर की लड़ाई' पंचायत तक आई, पति-पत्नी ने एक दूसरे के खिलाफ ठोकी ताल - पंचायत चुनाव की रौचक जानकारी

गुना जिले में पंचायत चुनाव 2022 (Madhya Pradesh Panchayat Election 2022) और भी रोचक होने वाला है. क्योंकि यहां पर तीन सीटों पर पति और पत्नी दोनों ने नामांकन भरा है. याने चुनावी मैदान में पति और पत्नी आमने-सामने होंगे.

Madhya Pradesh Panchayat Election 2022
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव 2022

By

Published : Dec 22, 2021, 10:05 AM IST

Updated : Dec 22, 2021, 10:47 AM IST

गुना।मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव 2022 (Madhya Pradesh Panchayat Election 2022) की पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. इस बार के चुनाव में गुना जिले में तीन सीटों पर पति-पत्नी आमने-सामने होंगे. जिले के राघोगढ़ में पति-पत्नी ने एक ही वार्ड से नामांकन दाखिल किया है. वहीं हर चुनाव लड़ने के लिए मशहूर रमेश खटीक (सेंडो) ने भी जिला पंचायत सदस्य के लिए आरोन वार्ड से नामांकन दाखिल किया है. वहीं उनकी पत्नी पुष्पलता खटीक म्याना क्षेत्र से मैदान में है. रमेश सेंडो 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. हालांकि उन्हें कुछ सैकड़ा वोट ही मिले थे.

एक ही सीट पर पति-पत्नी ने भरा नामांकन

जिले में कई जगह एक ही वार्ड से पति और पत्नी ने अपने-अपने नामाकंन पत्र भी दाखिल किए है. देवेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने एक ही वार्ड से अपना-अपना नामाकंन पत्र दाखिल किया है. राघोगढ़ से अमित चौहान और उनकी पत्नी रीतू चौहान ने नामांकन दाखिल किया है. इनके अलावा हनुमंत सिंह रावत और उनकी पत्नी विजयदेवी ने राघोगढ़ के एक ही वार्ड से नामाकंन पत्र दाखिल किया है. अमित चौहान और हनुमत सिंह दोनों ही पूर्व CM दिग्विजय सिंह के करीबी हैं.

एमपी में पंचायत चुनाव रोकने पर जल्द होगा फैसला! ओबीसी आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी शिवराज सरकार

रोचक है हर चुनाव लड़ने वाले रमेश सेंडो की कहानी

रमेश का वास्तविक नाम रमेश खटीक है. लेकिन पूरे क्षेत्र में उन्हें रमेश सेंडो के नाम से जाना जाता है. उनका नाम सेंडो पड़ने की कहानी काफी रोचक है. शहर के पुराने लोग बताते हैं कि 1977-78 में रमेश साईकल से लकड़ी बेचने आया करते थे. उस समय वह अधिकतर सेंडो बनियान पहनते थे. इसलिए लोगों ने उन्हें रमेश सेंडो नाम से बुलाना शुरू कर दिया. आगे जाकर उनका यही नाम पड़ गया. दस्तावेजों में उनका नाम रमेश खटीक जरूर है, लेकिन लोगों के बीच उनका नाम रमेश सेंडो ही पड़ गया.

कैग की रिपोर्ट ने किया बेनकाब! सफेद हाथी बना खेल विभाग, मुफ्त अनाज योजना में भी अंधेरगर्दी!

Last Updated : Dec 22, 2021, 10:47 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details