गुना/खंडवा।शहर के गोपीकृष्ण सागर डैम में नवविवाहिता का शव मिला मिलने से हड़कंप मच गया. मृतका की पहचान हो गई है. उसका नाम वैष्णवी पवार है. वैष्णवी पवार पीजी कॉलेज जाने के लिए घर से निकली थी. फाइनल की मार्कशीट लेने के लिए घर से कॉलेज के लिए गई थी. लेकिन उसके बाद फिर वो घर नहीं लौटी. वैष्णवी सिटी कोतवाली क्षेत्र के पाएगा मोहल्ले की निवासी थी. करीब 8 महीने पहले उसकी की शादी इंदौर निवासी लोकेंद्र पवार से हुई थी. परिजनों ने बताया कि जब दोपहर 3 बजे तक वैष्णवी घर वापस नहीं लौटी तो उसके मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला.
डैम तक कैसे पहुंची नवविवाहिता :इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना देते हुए बेटी को तलाश करने की गुहार लगाई. लेकिन शाम होते होते वैष्णवी की मौत की सूचना परिजनों को मिली. पुलिस ने नवविवाहिता के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. वैष्णवी के ससुराल वाले शव को अंतिम संस्कार के लिए इंदौर ले गए हैं. हालांकि वैष्णवी के परिजनों ने ससुरालवालों पर किसी तरह का इल्जाम नहीं लगाया है. मौत के पीछे आखिरकार क्या कारण रहे हैं. फिलहाल इसकी जांच जारी है. लेकिन वैष्णवी पवार गोपीकृष्ण सागर डैम पहुंची कैसे, ये बड़ा सवाल है. पुलिस CCTV फुटेज भी खंगाल रही है. वैष्णवी कुछ दिन पहले ही ससुराल से अपने मायके आई थी. बताया जाता है कि वह पिछले कुछ दिनों से परेशान भी थी.
युवक की हत्या में आजीवन कारावास :खंडवा में बेटे की हत्या के मामले में पिता को एक साल बाद न्याय मिल गया है. दीपावली के दिन पिता की आंखों के सामने आदतन बदमाश ने उसके बेटे के सीने में चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी. उसका कसूर बस इतना था कि उसने आरोपी नन्नू से यह पूछा था कि उसने उसके पिता को थप्पड़ क्यों मारा. गुरुवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ममता जैन ने नन्नू को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवान कारावास से दंडित किया है. साथ ही उस पर जुर्माना लगाया है. बता दें कि 4 नवंबर 2021 ग्राम बिलनखेड़ा के कोटवार नरेश के परिवार की खुशियां मातम में बदली थीं.
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सीने में मारा था चाकू :दरअसल, कोटवार नरेश पिता नवल गांव में गांधी चौक पर कुछ लोगों के साथ बैठा हुआ था. कुछ देर बाद वहां नन्नू पिता फत्तू आ गया. वह अत्यधिक शराब पिये हुआ था. चौक पर कोटवार नरेश और नन्नू के बीच किसी बात पर से विवाद हो गया. कोटवार नरेश को नन्नू ने दो से तीन थप्पड़ मार दिए. इस दौरान विशाल ने अपने पिता नरेश को थप्पड़ मारते हुए नन्नू को देख लिया था. चौक से कुछ ही दुर नन्नू अपने घर के बाहर जाकर खड़ा हो गया. यह देख विशाल अपने दोस्त विजय और काका अनुज के साथ नन्नू के घर गया. कोटवार नरेश भी अपने बेटे विशाल का पीछा करते हुए वहां आ गया. विशाल ने नन्नू से पूछा कि उसने उसके पिता को थप्पड़ क्यों मारा. यह पूछने पर नन्नू घर के अंदर गया और चाकू लेकर आया. उसने आते से ही विशाल, विजय और अनुज पर चाकू से हमला कर दिया. उसने विशाल के सीने में चाकू घोप दिया था. अभियोजन की ओर से प्रकरण का संचालक जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने किया.