गुना।राघोगढ़ में नगरपालिका चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रशासन मुस्तैद है. आगामी 20 जनवरी को 24 सीटों के लिए वोटिंग की जाएगी. वोटिंग के लिए 63 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 63 मतदान केंद्रों पर 134 ईवीएम मशीनों को रखा जाएगा, जिसमें रिजर्व मशीनें भी शामिल रहेंगी. वोटिंग के दिन एक वार्ड में 2 ईवीएम मशीनों को रखा जाएगा. ईवीएम मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग पूरी कर ली गई है.
राघौगढ़ नगर पालिका के लिए 20 नवंबर को मतदान राघोगढ़ नगरपालिका के लिए 20 को वोटिंग:ज्वॉइंट कलेक्टर और उप जिला निर्वाचन अधिकारी आर.बी सिंडोसकर ने बताया कि, राघौगढ़ में नगरपालिका चुनाव के लिए दल गठित कर दिए गए हैं. पूरी चुनावी प्रक्रिया में 400 से अधिक मतदान कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. विशेष सुरक्षा बल को भी तैनात किया जाएगा. 20 जनवरी को 63 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे. इसके लिए 6 सेक्टर अधिकारी और 6 जोनल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. 2-2 अधिकारियों को रिजर्व रखा जाएगा(Voting for Raghogarh municipality on 20th November). नगरपालिका चुनाव के लिए डिप्टी कलेक्टर विकास आनंद को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है. नायब तहसीलदार संतोष धाकड़ और नायब तहसीलदार उदय सिंह को अतिरिक्त रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है. 23 जनवरी को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.
अपने गढ़ को बचाने में जुटी कांग्रेस:राघौगढ़ नगरपालिका चुनाव दोनों ही राजनैतिक दल भाजपा कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. भाजपा दिग्विजय सिंह के गढ़ में सेंधमारी करना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने के लिए जी जान से जुटी हुई है. दोनों ही राजनैतिक दलों ने सभी 24 वार्डों में अपने अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. कुछ वार्ड जातिगत राजनीति को लेकर हावी है, तो कुछ वार्डों में जनहित के मुद्दे चुनावी शिगूफा बने हुए हैं.
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जयवर्द्धन सिंह ने संभाला कमान:कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह कमान थामे हुए हैं. अपने समर्थकों के साथ राघौगढ़ राजपरिवार के संबंधों और विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं. वहीं भाजपा नेता बदलाव की बात को लेकर जनता के बीच घुसपैठ कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की योजनाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का उपयोग प्रचार प्रसार में किया जा रहा है. भाजपा बखूबी जानती है कि दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के संबंध जनता के बीच कितने गहरे हैं, इसलिए रणनीति बनाकर कांग्रेस को पटखनी देने के लिए भाजपा नेता पूरा जोर लगा रहे हैं. बहरहाल मतदान के बाद ऊंट किस करवट बैठेगा ये परिणामों में तय हो जाएगा, लेकिन नगरपालिका चुनाव से बड़े नेताओं की दूरी ने भी चुनाव को रोचक बना दिया है.