गुना। शारदीय नवरात्र में राघोगढ़ राजघराने की परंपरा का आगे बढ़ा रहे हैं युवराज जयवर्द्धन सिंह. अपने बेटे सहस्त्र जयसिंह के साथ उन्होंने आदिशक्ति भवानी की पूजा अर्चना की. शारदीय नवरात्रों की शुरुआत होते ही राघोगढ़ राजघराने में हमेशा की तरह विशेष परंपरा का निर्वहन आज भी बदस्तूर जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और राघोगढ़ के युवराज जयवर्द्धन सिंह द्वारा परंपरा के अनुसार देवी की आराधना की गई. (guna Jaivardhan worshiped Adishakti Bhavani) (guna royal tradition Jaivardhan)
guna royal tradition जयवर्द्धन सिंह ने फहराई राघोगढ़ राजघराने की पताका, जाने कौन हैं युवराज जयवर्द्धन - गुना जयवर्द्धन ने मां आदिशक्ति भवानी की पूजा की
प्रचीन काल से लेकर अब तक राजघरानों में अपनी परंपरा का निर्वहन करना गौरव माना जाता है. राजे रजवाड़े जरूर खत्म हो गए लेकिन उनके रीति रिवाज आज भी बदस्तूर जारी हैं. ऐसी ही एक परंपरा का निर्वाहन कर रहे हैं गुना के युवराज जयवर्द्धन सिंह. युवराज जयवर्द्धन सिंह ने शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां भगवती का पूजन अर्चन करने के बाद राघोजी महाराज के मंदिर पर ध्वज पताका फहराई. (guna royal tradition Jaivardhan) (guna Jaivardhan hoisted flag raghogarh royal family)
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फहराई मंदिर पर पताकाः राघोगढ़ किले पर स्थित अतिप्राचीन राघव जी महाराज के मंदिर पर जयवर्द्धन सिंह द्वारा ध्वज पताका भी फहराई गई. जयवर्द्धन सिंह ने अपने पुत्र सहस्त्र जयसिंह के साथ विशेष पूजा अर्चना पूरी विधि विधान से की. राघोगढ़ राजघराने में कई वर्षों से परंपरा रही है कि राघोजी महाराज के मंदिर पर नवरात्रों में ध्वज चढ़ाया जाता है. मंदिर पर ध्वजारोहण से पहले ध्वज की पूजा की जाती है. उसके बाद राजा ही ध्वज को मंदिर में भेंट करता है. राघोगढ़ राजपरिवार में धार्मिक अनुष्ठान एवं आयोजनों को विशेष तरजीह दी जाती है. पहले खुद दिग्विजय सिंह द्वारा परम्पराओं का निर्वहन किया जाता था. जिसमें उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी साथ देते थे. राघोगढ़ राजघराना दिग्विजय सिंह से सम्बंधित है. राघोगढ़ किले में कई मंदिर स्थापित हैं. किले की रक्षा स्वयं हनुमान करते हैं. हनुमान जी के मंदिर किले के चारों ओर स्थित हैं. जहां नित्य पूजा पाठ की जाती है. (guna know who is Prince Jaivardhan singh)