गुना।श्री वनखंडी बालाजी सरकार के मंदिर में स्थापित मूर्तियां कई वर्ष पुरानी हैं. जंगल में स्थित होने के कारण कम ही लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते थे, लेकिन अब इस मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहता है. श्री वनखंडी बालाजी सरकार मंदिर की स्थापना अंग्रेज़ी हुकूमत में सन् 1916 में सेठ लक्ष्मीनारायण द्वारा की गई थी. सेठ लक्ष्मीनारायण द्वारा मंदिर के ठीक सामने एक छत्री का भी निर्माण कराया गया था. छत्री में किवदंतियों को कारीगरों ने नक्काशी द्वारा उकेरा है.
कई रोगों का निवारण :अंग्रेज़ी शासन में सेठ लक्ष्मीनारायण के बेटों ने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने प्राण त्यागे थे. सेठ लक्ष्मीनारायण ने भी आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था. छत्री पर अंकित की गई कहानियां आज भी अंग्रेज़ी शासन में आजादी के दीवानों की दीवानगी का बखान कर रही हैं. वनखंडी बालाजी सरकार मंदिर की खासियत ये है कि यहां श्रद्धालुओं के रोगों का निवारण होता है. पथरी, पाइल्स, महिला रोगों के अलावा अन्य रोगों का इलाज पाकर रोगी संतुष्ट हो जाते हैं. इलाज के लिए अन्य राज्यों से भी रोगी मंदिर पहुंचते हैं.