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Guna Lokayukta Raid: लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, धनतेरस पर धन लेते सहकारिता निरीक्षक गिरफ्तार

गुना जिले की सहकारी सोयायटी के कार्यालय में रिश्वत लेने का खेल चल रहा था. लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए रणनीति बनाई जिसमें वो फंस गया. आरोपी सहकारी निरीक्षक आर के गांगिल को लोकायुक्त पुलिस ने धनतेरस के दिन 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.(Guna Lokayukta Raid) (Guna Cooperative inspector arrested)

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Published : Oct 23, 2022, 10:22 AM IST

गुना।जिले में धनतेरस पर सहकारिता निरीक्षक को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने लघु वनोपज सोसाइटी के कर्मचारी से सेवा समाप्ति आदेश निरस्त करने और एक और कर्मचारी से सेवा बहाली करने के लिए 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. सहकारिता निरीक्षक आरके गांगिल को वह पहली किश्त के रूप में 40 हजार रुपये दे चुके थे. दूसरी किश्त के लिए लगातार दवाब बनाया जा रहा था. (Guna Lokayukta Raid) (Guna Cooperative inspector arrested)

गुना लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

रजिस्ट्रार तक पहुंचती थी रिश्वत:आरोपी अधिकारी पर रिश्वत लेने के साथ साथ और भी गंभीर आरोप लगे हैं. फरियादी सतीश बैरागी ने बताया कि, आरोपी आर के गांगिल द्वारा डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार तक रिश्वत पहुंचाई जाती थी. रिश्वत का पूरा खेल नीचे से लेकर ऊपर तक चल रहा था. राशन की दुकान के सेल्समैन को हटाकर नया सेल्समैन नियुक्त करने पर 50 हजार रुपये लिए जाते थे. राशन दुकान आवंटित करने के लिए 5 लाख रुपये तक रिश्वत के तौर पर लिए जाते थे.

धनतेरस पर धन लेते सहकारिता निरीक्षक गिरफ्तार

आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार:सहकारी समितियों की चेकिंग के नाम पर भी खुलेआम वसूली की जाती थी. नियमानुसार डिफॉल्टर समितियों को खाद बीज उपलब्ध नहीं कराई जा सकती लेकिन सहकारिता निरीक्षक की मिलीभगत से डिफॉल्टर समितियों को भी स्टॉक आवंटित किया गया. शासन को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का काम आर के गांगिल द्वारा किया गया. अब रिटायरमेंट से महज 8 महीने पहले अब लोकायुक्त ने गांगिल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

समिति प्रबंधक पद से बर्खास्त:सहकारिता की धारा 55(2) में डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार (उपायुक्त सहकारिता) को कई शक्तियां प्रदान की गई हैं. डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार मुकेश जैन का नाम लेकर आरोपी सहकारिता निरीक्षक आर के गांगिल द्वारा समिति प्रबंधक को दोबारा बहाल करने के एवज में 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी. विशाल किरार और सतीश बैरागी को समिति प्रबंधक पद से बर्खास्त कर दिया गया था.

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सुनवाई के बाद दोबारा सेवा बहाल:पूरा मामला संस्था प्रबंधक अतीक कुर्रेशी को बर्खास्त करने के बाद शुरू हुआ था. अतीक कुर्रेशी को आर्थिक अनियमितताओं के चलते प्राथमिक लघु वनोपज संस्था फतेहगढ़ से बर्खास्त किया गया. जिसके बाद विशाल किरार की प्रबंधक बनाया गया था, लेकिन डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार ने सुनवाई के बाद दोबारा सेवाएं बहाल करते हुए अतीक कुर्रेशी को प्रबंधक बना दिया. जिसके खिलाफ संस्था अध्यक्ष और सदस्य विशाल किरार द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गई थी.(Guna Lokayukta Raid) (Guna Cooperative inspector arrested)

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