गुना।जिला अस्पताल के दिव्यांग कर्मचारी राजेश शर्मा ने परिवार सहित सामूहिक आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है. राजेश शर्मा ने प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को पत्र लिखकर आत्मदाह की अनुमति मांगी है. दरअसल दिव्यांग राजेश शर्मा जननी सुरक्षा योजना के तहत जिला अस्पताल में कार्यरत थे, लेकिन वर्ष 2017 से जननी सुरक्षा योजना द्वारा राजेश शर्मा का वेतन भुगतान बंद कर दिया गया. इसके बाद राजेश शर्मा बिना वेतन के ही अस्पताल में काम करते रहे, इस उम्मीद में की शायद दोबारा वेतन मिलना शुरू हो जाए. अब एक साल गुजरने के बाद जब उम्मीद कम होती गई, तो जिला अस्पताल के CMHO से लिखित गुजारिश करते हुए वेतन देने की मांग की गई, लेकिन आज तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया. राजेश शर्मा ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से आर्थिक हालात बिगड़ गए हैं, घर में खाने के लाले पड़ गए हैं. जीवन जीना मुश्किल हो गया है, यहां तक कि वे एक-एक पैसे के मोहताज हो रहे हैं. अब दिव्यांग कर्मचारी राजेश शर्मा ने थक हार कर प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है.
Guna जिला अस्पताल के दिव्यांग कर्मचारी ने मांगी इच्छामृत्यु, प्रद्युमन सिंह तोमर को पत्र लिखकर कही ये बात.. - गुना दिव्यांग कर्मचारी ने मांगी इच्छामृत्यु
जिला अस्पताल में पदस्थ अकुशल श्रमिक राजेश शर्मा ने प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से परिवार सहित आत्मदाह करने की अनुमति मांगी. दरअसल लगातार एक साल से काम करने के बावजूद वेतन ना मिलने से परेशान होकर राजेश ने मंत्री तोमर को पत्र लिखकर आत्मदाह की अनुमति मांगी है.
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जमीनी हकीकत से परे हैं योजनाएं:प्रभारी मंत्री और कलेक्टर से गुहार लगाते हुए दिव्यांग राजेश ने सपरिवार आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है. अकुशल श्रमिक की श्रेणी में आने वाले राजेश शर्मा ने अस्पताल में नियमतिकरण के लिए उच्च न्यायालय में परिवाद भी दायर कर दिया, बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने दिव्यांग कर्मचारी का वेतन भुगतान नहीं किया है. इस मामले में जब जिला अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो पुराना मामला बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की. बता दें कि दिव्यांगों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इन सभी योजनाओं से परे है.
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