गुना। कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे महेंद्र सिंह सिसोदिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ऐसे काले बादल छाएंगे कि सरकारों का पता नहीं चलेगा. उसके बाद मध्यप्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम घटा और सरकार गिर गई. फिर पूर्व श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बीजेपी में आ गए. ईटीवी भारत से बातचीत में सिंधिया समर्थक सिसोदिया ने बताया कि 2008 में बमोरी विधानसभा सीट बनने के बाद पहले चुनाव के दौरान त्रिकोणीय संघर्ष हुआ था. बसपा से स्वर्गीय देवेंद्र सिंह रघुवंशी उम्मीदवार थे, जिन्हें 17 हजार वोट मिले थे. इस कारण वो पहला चुनाव हार गए थे, लेकिन दूसरा चुनाव 18 हजार वोट से जीते और तीसरे चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष था, बीजेपी से बृजमोहन आजाद उम्मीदवार थे और कन्हैयालाल अग्रवाल निर्दलीय चुनाव लड़े थे. महेंद्र सिंह की 28 हजार वोटों से जीत हुई थी.
बमोरी विधानसभा क्षेत्र में विकास की गाथा
बमोरी विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो ये ग्रामीण परिवेश की विधानसभा है. विकास की बहुत दरकार यहां पर है. महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने काफी विकास कराने का प्रयास किया है, विद्युत सबस्टेशन बनवाए हैं, तालाबों का निर्माण कराया है, सड़कों का निर्माण कराया है. अभी युवा पीढ़ी की सबसे ज्यादा मांग महाविद्यालय की है, इसे भी जल्द ही शासकीय स्वीकृति मिल जाएगी.
किसानों की समस्याओं को किया खत्म
ग्वाल टोरिया सिंचाई परियोजना की डीपीआर लगभग बनकर तैयार हो गई है. प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा. परेठी का बांध जनता की मुख्य मांग थी, उसे भी जल्द शुरू करा दिया जाएगा. किसानों को वोल्टेज की बहुत समस्या होती थी, कपासी पर 132 केवी का सब स्टेशन बनवाया गया है, जिससे काफी हद तक वोल्टेज की समस्या से निजात मिल गई है. बिजली, पानी और सड़क के कामों का विशेष ध्यान रखा गया है. बमोरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा वोट बैंक वनवासियों का है, महेंद्र सिंह ने बताया उन्होंने बहुत बड़ी लड़ाई वन अधिकार पत्र के लिए लड़ी है. जिसके पश्चात आज आदिवासी भाई आज खुद की जमीन पर खेती कर रहे हैं.