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पूर्व विधायक सहित 6 शासकीय अधिकारियों पर FIR दर्ज, ये है मामला - officials including former MLA in guna,

विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में तत्कालीन विधायक राजेंद्र सलूजा सहित 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार राजेंद्र सिंह सलूजा की तरफ से न्यायालय में शनिवार को अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया जा रहा है.

6 शासकीय अधिकारियों पर FIR दर्ज

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Published : Jun 22, 2019, 9:08 PM IST

गुना। पूर्व विधायक और वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. पुलिस के मुताबिक विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में तत्कालीन विधायक राजेंद्र सलूजा के अलावा 6 लोगों पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में 6 लोगों पर FIR दर्ज

कानून के जानकारों के मुताबिक मामले में सलूजा सहित 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार राजेंद्र सिंह सलूजा की तरफ से न्यायालय में शनिवार को अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया जा रहा है. इस संबंध में उनके अभिभाषक अवधेश महेश्वरी ने अग्रिम जमानत का आवेदन न्यायालय में लगाने की जानकारी भी दी है.

विधायक निधि के दुरुपयोग के इस मामले में कलेक्टर भास्कर लक्षाकार ने करीब 3 दिन पहले ही जिला योजना अधिकारी के माध्यम से पत्र कोतवाली पुलिस के पास भेज दिया था. पत्र में तत्कालीन विधायक समेत 5 शासकीय कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा भी की थी.

मामला दुर्गा कॉलोनी स्थित रेन बसेरा के निर्माण का है. बीते सालों के दौरान तत्कालीन दो अपर कलेक्टर प्रीति मैथिल और उनके बाद नियाज अहमद खान ने मामले की जांच की और कई लोगों की भूमिका को संदिग्ध माना. इसके बाद हाल ही में वर्तमान डिप्टी कलेक्टर ने फिर मामले की जांच की. इस दौरान नपाध्यक्ष राजेंद्र सलूजा, एसडीएम बीवी सक्सेना, उपयंत्री अरुण भारद्वाज, आरके अहिरवार, सहायक यंत्री प्रदीप कुमार सक्सेना, उप यंत्री एसके सॉरी को दोषी माना गया था.

तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा ने कहा एफआईआर गलत
तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा का कहना है कि उनके द्वारा दुर्गा कॉलोनी स्थित रेन बसेरा की अनुशंसा की गई थी. इसमें पहले आरईएस एजेंसी थी और आरईएस से उनके कार्यालय द्वारा तकनीकी स्वीकृति और स्टीमेट प्राप्त किए थे, लेकिन कुछ समय बाद तत्कालीन विधायक ने लोक निर्माण विभाग को कार्य हस्तांतरण करने के निर्देश दिए. उनके ऊपर जो एफआईआर की गयी है वह गलत है.

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