गुना।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुना में किसान दंपति के पिटाई के मामले में जांच के लिए 7 सदस्य टीम का गठन किया है. जिसमें पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी शामिल हैं. मामले की जांच के लिए आज पूर्व नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह गुना के जगनपुर चक जांच करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि 14 जुलाई को जो हादसा बहुत वह दुखद था. पूरे देश में इस घटना की निंदा की गई है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि शिवराज सरकार 24 घंटे बाद भी किसी हल पर नहीं पहुंच पाई.
जयवर्धन सिंह ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
जयवर्धन सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार ने अब तक एसपी, कलेक्टर के ट्रांसफर किए और कल एसपी द्वारा छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जबकि इस घटना में और भी कई लोग शामिल थे, जिन पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है. उनका कहना है कि गुना के नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सलूजा ने स्वयं राजस्व के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिस परिवार के साथ जुल्म हुआ है, वह किसान परिवार था, गरीब परिवार था जो लगभग 2 साल से वहां खेती कर रहा था.
जयवर्धन सिंह का कहना है कि हैरानी की बात तो यह है कि जिस गब्बू पारदी का कब्जा उस जगह पर था. उस पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. उल्टा दलित परिवार के राजकुमार अहिरवार और उसके परिजनों पर FIR दर्ज की गई. उनका कहना है कि कहीं ना कहीं यह बहुत बड़ी अनदेखी है जिसको दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जांच कमेटी गठित कर हमें भेजा है. हम पूरी जांच करके रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेंगे और इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे.