गुना। एक तरफ तो स्कूल चलें अभियान के तहत गांव-गांव तक शिक्षा पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, तो वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. गुना जिले के गांव आतरसूना के माध्यमिक स्कूल में एक भी टीचर पदस्थ नहीं है. इसे लेकर बच्चे कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और धरने पर बैठ गए.
मिडिल स्कूल में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं, कलेक्टर की जनसुनवाई में धरने पर बैठे छात्र
आतरसूना के मिडिल स्कूल में एक भी टीचर पदस्थ नहीं है, जिसे लेकर नाराज छात्र कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे और धरने पर बैठे. कलेक्टर ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए डीईओ को निर्देशित किया है.
बता दें कि आतरसूना के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक को अटैच किया गया है, लेकिन बच्चों का कहना है कि वो सिर्फ कागजी कार्रवाई करके चला जाता है. छात्रों का कहना है कि मीडिल स्कूल में तो पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है. छात्रों ने कहा कि उनके परिजनों ने इसकी शिकायत बमोरी के बीआरसी से भी की, लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई. बच्चों ने कहा कि 15 अगस्त के दिन वे स्कूल में शिक्षक का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई नहीं पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने ही ध्वजारोहण कर लिया.
इधर मामले की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने पहुंचकर बच्चों की परेशानी सुनी. बच्चों ने कहा कि टीचर्स के ना होने के कारण वो पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है. डीईओ ने बच्चों से फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया. 15 अगस्त के दिन भी शिक्षकों के स्कूल नहीं पहुंचने के मामले में डीईओ ने जांच करने की बात कही है.
इधर कलेक्टर ने पढाई प्रभावित नहीं हो, इसलिए यहां शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश डीईओ को दिए हैं.