Digvijay Singh Rebel nephew:राजनीति में चाचा और भतीजे की जोड़ी हमेशा ही चर्चा का विषय रही है, फिर चाहे वह महाराष्ट्र के चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार हों, यूपी के चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव हों या फिर एमपी के चाचा दिग्विजय सिंह और भतीजे रुद्रदेव सिंह की हों. हालांकि ये भी सही बात है कि राजनीति के सुपरहिट चाचा-भतीजे कभी घुल-मिलकर नहीं रह पाए, हमेशा ही उनमें तकरार बनी रही. फिलहाल कुछ टाइम से दिग्गी और उनके भतीजे रुद्रदेव को भी किसी की नजर लग गई है या ये कह सकते हैं कि राजपरिवार में सियासी तलवारें खिंची साफ नजर आ रही हैं.
दरअसल छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के प्रचार के लिए दिग्विजय सिंह मधुसूदनगढ़ के खेराड़ में चुनावी सभा करने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भतीजे पर निशाना साधते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर गद्दार करार दिया. इसके अलावा दिग्गी ने सिंधिया को कायर बताते हुए कहा कि "वे(सिंधिया) विचारधारा से समझौता करने वाले लोगों में से हैं."
गद्दारों के साथ देने पर भतीजे को आनी चाहिए शर्म: दिग्गी का भाषण उस वक्त चर्चा का विषय बन गया, जब उन्होंने मंच से अपने ही भतीजे को लेकर कहा कि "मेरे भतीजे ने भी गद्दारों (ज्योतिरादित्य सिंधिया) का साथ दिया. आखिर क्या नहीं किया मैंने इस परिवार के लिए? लेकिन उसके बाद भी उसने गद्दारी की और अब वह गद्दारों के साथ मिलकर हमारा विरोध करता है. शर्म आनी चाहिए."