गुना। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मीडियम वर्ग के लोगों पर देखने को मिल रहा है. ऑटो रिक्शा, लाईट मोटर गाड़ी चलाने वाले से लेकर छोटा मोटा काम कर पेट पालने वाले लोगों के सामने रोटी खाने की मुसीबत खड़ी हो गई है. सोमवार को लाइट मोटर चालक वेलफेयर एसोसिएशन और ऑटो चालक यूनियन ने अलग-अलग जगह ज्ञापन देकर ऑटो ड्राइवर से जुड़े लोगों की मदद करने के लिए प्रशासन के सामने गुहार लगाई है.
लॉकडाउन के चलते भुखमरी की कगार पर ऑटो चालक, आर्थिक मदद की मांग
देशभर में जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग के लोगों पर हुआ है. दिनभर ऑटो चलाकर कमा कर खाने वालों के सामने रोटी की समस्या खड़ी हो गई है, जिसे देखते हुए मोटर चालक वेलफेयर एसोसिएशन और ऑटो चालक यूनियन ने ज्ञापन सौंपा और मदद की गुहार लगाई है.
लाइट मोटर चालक एसोसिएशन के मुताबिक शहर में 300 से ज्यादा लाइट मोटर चालक हैं जो लॉकडाउन के चलते आर्थिक मंदी झेलने को मजबूर हैं. ड्राइवरों के पास दो वक्त के खाने की व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है. वहीं इन लोगों के पास सरकारी मदद भी नहीं पहुंच पा रही है. जिसके बाद ऑटो चालकों ने कलेक्टर के नाम आवेदन देकर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
ऑटो चालक यूनियन ने अपने एक ज्ञापन में ऑटो चालकों को आर्थिक एवं खाद्यान्न सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है. यूनियन के अनुसार शहर में ऑटो चालक रोज कमाकर खाते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति में उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है, जिसे ध्यान में रखते हुए जिले के सभी ऑटो चालकों को आर्थिक मदद की जाए. साथ ही ज्ञापन में ऑटो चालक यूनियन ने प्रति परिवार को 7500 रुपए की आर्थिक मदद एवं प्रत्येक परिवार को 35 किलो राशन दिए जाने की मांग की है.