डिंडौरी।आदिवासी जिला डिंडौरी में मनरेगा कार्यों में पंचायत प्रतिनिधियों के फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. समनापुर जनपद क्षेत्र के पोषक ग्राम मोहदा में करीब 15 लाख रुपए की लागत से बन रहे पुलिया कम स्टाप डैप फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गया. जिसकी युवा मजदूर ने पोल खोल दी है.
पुलिया कम स्टाप डैप की जगह बन रहा सिर्फ पुलिया
मामले का खुलासा होते ही महिला मेट मस्टर की जानकारी से पल्ला झाड़ती नजर आईं, वहीं सरपंच ने जांच कराने की बात कही है. जानकारी के अनुसार प्रशासन से स्वीकृति पुलिया कम स्टाप डैम निर्माण की मिली है, लेकिन मौके पर केवल पुलिया ही बनाई जा रही है और स्टाप डैम का अता पता नहीं है. वहीं ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायक की करतूत तब सामने आई, जब तारीख आने से पहले ही मस्टररोल में हाजिरी भर कर उसे सरकारी पोर्टल में दाखिल कर दिया गया.
पुलिया निर्माण में फर्जीवाड़ा युवा मजदूर ने किया फर्जीवाड़े का खुलासा
इसका खुलासा गांव के ही एक युवा मजूदर ने की है. जब युवा मजदूर परिवार में दशगात्र कार्यक्रम के चलते काम पर नहीं जा रहा था, इसके बावजूद उसकी हाजिरी भर दी गई, जिस पर उसके जाली हस्ताक्षर भी थे. जानकारी लगने के बाद युवा मजदूर ने विरोध किया. इस दौरान मामले को ठंडा करने के लिए उदित पर पंचायत स्तर से दबाव भी बनाया गया, लेकिन वह नहीं माना और इसकी जानकारी मीडिया को दे दी.
मजदूर के बिना भर दी फर्जी हाजिरी
मीडिया ने पुलिया कम स्टाप डैम का निर्माण देख रही महिला मेट से बात की तो उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को केवल महिला मजदूर ही काम पर आई हैं, जिनकी संख्या 26 है. वहीं पुरुष मजदूरों को 21 जुलाई को काम पर नहीं बुलाया गया था. ऐसे में 21 और 22 जुलाई को पुरुष मजदूर की हाजिरी कैसे भर दी गई. जिससे साफ होता है कि रोजगार सहायक और पंचायत सचिव की मदद से फर्जीवाड़े का खेल चलता रहा है. जब मस्टररोल में मौजूद महिला मेट सरला से पूछा गया तो उन्होंने मस्टर रोल की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया.
सरपंच ने कहा होनी चाहिए जांच
इस पूरे फर्जीवाड़े की खबर पर ग्राम पंचायत छाटा के सरपंच माखन लाल सरैया का कहना है कि उसे भी मस्टर रोल से सम्बंधित कोई भी जानकारी नहीं है. अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच होनी चाहिए. युवा मजदूर ने फर्जी मस्टर रोल का खुलासा 21 जुलाई को किया है, जिस दिन पुरूष मजदूर काम पर ही नहीं आए थे, लेकिन पहले से बने मस्टर में 22 तक की हाजिरी डाली जा चुकी थी, जो फर्जीवाड़े का खुलासा करती है.
फर्जी काम को दिया जा रहा अंजाम
निर्माण कार्य में पुलिया कम स्टाप डैम की स्वीकृति मिली थी, जिसकी लागत करीब 15 लाख रुपए है, लेकिन वहां केवल पुलिया बनाई जा रही है. निर्माण की जांच रोजाना करना पंचायत के उपयंत्री का दायित्व है, लेकिन मिलीभगत के चलते फर्जी काम को अंजाम दिया जा रहा है.