डिंडौरी। देश के कई हिस्सों में चिटफंड कंपनी द्वारा धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते रहे हैं. ऐसा ही मामला इस बार आदिवासी जिला डिंडौरी से सामने आया है. जहां साल 2011 से लेकर साल 2015 तक हजारों आदिवासी बैगा परिवार अपनी मेहनत की कमाई को जल्द दोगुना करने के चक्कर में चिटफंड कंपनी के चंगुल में फंस गए हैं. जिनके पास अब दस्तावेज के अलावा कुछ नहीं बचा है.
वहीं समनापुर पुलिस ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ चेतावनी शिविर लगाकर आदिवासी बैगाओं में एक उम्मीद की आस जगा दी है, जहां शिविर में समनापुर थाना क्षेत्र के सैकड़ों आदिवासी बैगा आवेदन और पॉलिसी की रसीद लेकर पहुंचे.
चिटफंड कंपनी के खिलाफ चेतावनी शिविर
डिंडौरी जिले में इन दिनों SP संजय कुमार सिंह के निर्देश पर जिले के सभी थाना चौकी क्षेत्र में चिटफंड कंपनी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शिविर का आयोजन कर रही है. इस शिविर में ज्यादातर वे लोग पहुंच रहे हैं, जो चिटफंड कंपनी का शिकार हो चुके हैं. अपने भविष्य के लिए जमा करने वाले पैसों को वे गंवा चुके हैं.
किसान और छोटे व्यापारियों को बनाया निशाना
चिटफंड कंपनी के लोकल एजेंटों ने ऐसे भोले-भाले लोगों को अपना निशाना बनाया जो पढ़े-लिखे नहीं थे, जिनका मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है. चिटफंड कंपनी के एजेंटों ने ऐसे इलाकों पर भी घात किया है, जो डूब इलाके में आए और शासन से उन गांव वालों को अच्छी खासी रकम भी मिली. इस कंपनी में ग्रामीणों ने रकम दोगुना करने के लालच में अपने लाखों रुपए डुबोए हैं.
चेतावनी शिविर में ज्यादातर आदिवासी बैगा
समनापुर थाना प्रभारी उमा शंकर यादव ने बताया कि समनापुर थाना क्षेत्र में ज्यादातर संख्या बैगा जनजाति की है. उन्हें चिटफंड कंपनी के लोकल एजेंटों ने निशाना बनाते हुए रकम दोगुना करने का लालच देकर दो या तीन साल का बॉन्ड भरवाया. जब समय अवधि पूरी हो गई तो कंपनी वहां से भाग गई.
इनमें गरिमा रियल स्टेट, पल्स चिटफंड, एसपीएनजे कंपनी, सांई प्रसाद आदि नाम शामिल है. चेतावनी शिविर के जरिए समनापुर पुलिस ने कंपनी के अलग-अलग नामों के चलते अलग-अलग काउंटर बनाकर शिकायतें ग्रामीणों से ली हैं, ताकि उन्हें आगे शासन को भेजकर उचित कार्रवाई के लिए बढ़ाया जा सके.
चिटफंड कंपनी के झांसे में आकर लुटने वालो में क्षेत्र के कई किसान हैं, तो कई छोटा व्यापार करने वाले व्यापारी हैं. कोई जंगल से लकड़ी बेचकर पैसा जोड़ रहा था, तो कोई मजदूरी करके रकम जुटाया था. समनापुर थाना क्षेत्र में पांच हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए गंवाने वाले ग्रामीण हैं, जिनकी उम्मीद चेतावनी शिविर में आने से दोबारा जगी है.