डिंडौरी। एक ओर सरकार विकास के बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन अभी भी मध्यप्रदेश के कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है. डिंडौरी के केवलारी रैयत ग्राम पंचायत के कछराटोला-संगमटोला में बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जूझ रहे ग्रामीणों को गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं होने के कारण नदी पार कर जाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के बारे में अधिकारियों को नहीं बताया है. जनसुनवाई में भी गए लिखित शिकायत भी की. ग्रामीणों की शिकायत पर अधिकारियों ने गांव का निरीक्षण तो किया. आश्वासन भी दिया, जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाएं उन तक पहुंचाने का, लेकिन वे भी रस्म अदाई बनकर रह गई और ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं.
मेडिकल इमरजेंसी होने पर मरीज को खाट पर लेकर जाते हैं ग्रामीण
जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के केवलारी रैयत ग्राम पंचायत के कछराटोला-संगमटोला के ग्रामीणों को आज तक सड़क मार्ग और पुल की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं. कछराटोला में लगभग 65-70 परिवार और संगमटोला में करीब 10 से 12 परिवार निवास करते हैं. ग्रामीण राधेश्याम यादव का कहना है कि केवलारी के कछराटोला और संगमटोला में आने-जाने के लिए सड़क मार्ग नहीं हैं. इससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करन पड़ रहा है. गांव में यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसे खाट या कंधे पर रखकर नदी पार करके मुख्य मार्ग तक जाना पड़ता है. ग्रामीण पत्थर के सहारे नदी पार करते हैं. केवलारी रैयत से कछराटोला तक की दूरी महज दो किलोमीटर है, लेकिन आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है.