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बैमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, सफेद चादर से ढकी धरती

शनिवार को डिंडौरी में हुई जोरदार बारिश और ओलावृष्टि से पूरी तरह जीवन अस्तव्यस्त हो गया है, वहीं अलग अलग जगहों पर भारी नुकसान भी देखने को मिला है.

Unseasonal rains and hailstorms destroyed life
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जनजीवन किया अस्तव्यस्त

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Published : Apr 25, 2020, 7:27 PM IST

डिंडौरी।जिले में हुई जोरदार बारिश और ओले ने किसानों की चिंता फिर से बढ़ा दी है. डिंडौरी जिले के बजाग, गाड़ासरई, गोरखपुर, करंजिया सहित कई क्षेत्रों में बारिश ने अपना रौद्र रुप दिखाया, तेज हवा के साथ हुई बारिश के साथ कई जगह ओले भी गिरे. देखते ही देखते सड़कों पर सफेद बर्फ की चादर बिछ गई, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते खेतों में पककर तैयार फसलों को बहुत नुकसान हुआ है. साथ ही कई जगहों पर कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, एक तो लॉकडाउन के चलते लोग परेशान हैं, ऊपर से मौसम की मार उनके जख्मों पर नमक की तरह पड़ रही है.

बड़े बड़े ओला गिरे

करंजिया विकास खण्ड के अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में शनिवार की दोपहर मौसम में अचानक आए बदलाव से धूल भरी आंधी और ओलावृष्टि ने अपना कहर बरपाया, जिसके चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ओलावृष्टि के कारण दर्जनों मकान के खपरे टूट गए, ओलावृष्टि की सूचना पाकर बजाग तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष कृष्ण लाल हस्तपुरिया के साथ मंडल अध्यक्ष राजकुमार मोंगरे ने ओला पीड़ित परिवार से चर्चा कर जायजा लिया है.

गाड़ियों के टूटे कांच

शनिवार को दोपहर में हुई ओलावृष्टि के कारण घरों के बाहर खड़े दो पहिया और चार पहिया वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है. कई गाड़ियों के कांच टूट गए. शारदा मोहल्ला निवासी पप्पू शर्मा ने बताया कि एक महीने पहले उन्होंने गाड़ी ली थी, शनिवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से इंडिकेटर का कांच टूट गया. इसी तरह राम मिलन साहू के घर के बाहर खड़े वाहन का कांच टूट गया तो वहीं सतीश राव के दोपहिया वाहन के पीछे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है.

गाड़ियों के टूटे कांच

सीमेंट सीट और खपरे टूटे

कस्बा के आवास टोला के लोगों ने बताया कि रहवासी मकान के खपरे टूट गए हैं, जबकि तेज रफ्तार में गिरे ओले के असर से घरों की छप्पर में लगी सीमेंट सीट क्षतिग्रस्त हो गई है, इसी तरह घरों के बाहर रखें प्लास्टिक की बाल्टी टोकनी पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. शनिवार को प्राकृतिक आपदा के कहर ने उनसे उनका आशियाना छीन लिया है. खपरों के टूटने के बाद जमीन गीली हो गई है, जिससे वह अपने घरों में भी नहीं रह सकते हैं.

ओले से बिछी सफेद चादर

पानी की टंकी टूटी

वार्ड क्रमांक 18 के निवासी दिलीप दुबे ने बताया कि वार्ड के अंदर घर की छतों में पानी के लिए रखी टंकी ओले के कारण टूट गई हैं. दर्जनों मकानों के खपरें एवं सीमेंट की चादर को काफी नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि ने आम जनजीवन के साथ साथ पेड़ पौधों पक्षियों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है, वहीं फसलों को भी बुरी तरह से नुकसान पहुंचा हैं. सब्जी की फसल भी बुरी तरह प्रभावित हो गई है. कस्बे के लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कराकर भरपाई के लिए शीघ्र राहत राशि प्रदान करे.

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