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टीचरों की लड़ाई मंत्री तक पहुंची, दिए जांच के आदेश

डिंडौरी जिले के बरगांव पहुंची मंत्री मीना सिंह के सामने ही महिला शिक्षकों के दो अलग-अलग गुट आपस में आरोप-प्रत्यारोप करने लगे. जिस पर मंत्री मीना सिंह को ही दोनों पक्षो को शांत कराते हुए कलेक्टर को जांच कर जानकारी देने के लिए कहा है.

Teacher's fight reached the minister in dindori
टीचरों की लड़ाई मंत्री तक पहुंची

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Published : Oct 7, 2020, 4:22 AM IST

डिंडौरी।जिले में इन दिनों शिक्षा विभाग में शिक्षक पढ़ाई में कम और नेतागिरी में ज्यादा लगे हैं. शिक्षकों के प्रयास को तब और पंख लग जाते हैं, जब शिक्षक संघ के बड़े नेताओं का इन्हें संरक्षण मिलता है. यही देखने में आया जब मध्यप्रदेश सरकार की आदिम जाति कल्याण विभाग कैबिनेट मंत्री मीना सिंह अपने दौरे पर डिंडौरी जिला के बरगांव जनजाति कल्याण केंद्र पहुंचीं.

टीचरों की लड़ाई मंत्री मीना सिंह तक पहुंची

एक कार्यक्रम के समापन के बाद जैसे ही मंत्री मीना सिंह बाहर निकलीं, उसी दौरान महिला शिक्षकों के दो अलग-अलग गुट ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए मंत्री मीना सिंह के सामने ही चिल्लाना शुरू कर दिया, जिस पर मंत्री मीना सिंह को ही दोनों पक्षो को शांत करने के लिए स्वयं ही पहल करनी पड़ी. इस दौरान जिला कलेक्टर बी कार्तिकेयन भी मौजूद रहे. मंत्री मीना सिंह ने दोनों पक्षो पर जिला कलेक्टर को जांच कर जानकारी देने के लिए आदेशित किया है.

दरअसल, पूरा मामला सर्व शिक्षा अभियान मोहल्ला स्कूल द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय से जुड़ा हुआ है. जहां शहपुरा विकासखण्ड क्षेत्र की धिरवन कला गांव के प्रायमरी स्कूल में एक शिक्षिका शिलिमा पटेल ने अपने बीईओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए न सिर्फ शहपुरा थाना बल्कि मंत्री मीना सिंह से भी शिकायत की है. शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि बीईओ शहपुरा के द्वारा उनकी कार्य के प्रति लापरवाही के लिए दिए गए नोटिस का जवाब देने बीईओ कार्यालय शहपुरा बुलवाया और बुरी नियत से अपशब्द कहा. जिस पर बीईओ पर कार्रवाई करते हुए हटाने की मांग की है.

इस पूरे मामले में बीईओ शहपुरा संजय कुमार सिंह ने महिला शिक्षिका शीलिमा पटेल के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि महिला शिक्षिका जो धिरवन कला में पदस्थ है इनके द्वारा नियमित शाला नही जाना और कार्य के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायत जनशिक्षक के द्वारा मिली थी. जिस पर उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा गया था. जिस दिन महिला शिक्षिका शिलिमा अपना जवाब प्रस्तुत करने बीईओ कार्यालय पहुंची, उस समय कार्यालय में मेरे अलावा अन्य शिक्षक अधिकारी भी मौजूद रहे.

महिला शिक्षिका झूठे आरोप लगाते हुए कार्रवाई से बचने के लिए षड्यंत्र पूर्वक दबाव बना रही है. अगर लापरवाह शिक्षिकों पर कार्रवाई के दौरान ऐसे ही झूठे आरोप लगेंगे तो फिर कैसे काम किया जा सकता है. वहीं बीईओ शहपुरा ने कहा की जितने भी शिक्षक बिना अवकाश लिए मंत्री मीना सिंह से मिलने पहुंचे हैं, उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी.

इस दौरान एक और महिला शिक्षिका आशा बघेले मंत्री मीना सिंह के कार्यक्रम में पहुंची ,जो कि धिरवन कला में पदस्थ है. उनके द्वारा अपनी साथी महिला शिक्षिका शीलमा पटेल पर झूठे आरोप लगाने की शिकायत मंत्री मीना सिंह से की. महिला शिक्षिका आशा बघेले ने कहा कि उसकी साथी शिक्षिका शीलमा पटेल आये दिन स्कूल से गायब रहती हैं और विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए झूठे आरोप सभी पर लगा रही हैं.

मंत्री मीना सिंह के सामने ही बीईओ शहपुरा और महिला शिक्षिका आशा बघेले पर कई शिक्षक संगठन राजनीति करते हुए हावी होने का प्रयास करते देखे गए . बहरहाल मंत्री मीना सिंह के आदेश के बाद पूरे मामले की जांच अब कलेक्टर को सौंपी गई है. अब देखना होगा कि सच्चाई किस तरफ करवट लेती है. लेकिन यह तो तय हुआ कि आरोप प्रत्यारोप से शिक्षा विभाग जरूर बदनाम हो रहा है.

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