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भोलेनाथ के इस मंदिर में हर तरह के कर्ज से मिलती है मुक्ति, रोचक है इसके पीछे की कहानी - rinmukteshwar mahadev temple

मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में एक अनोखा शिव मंदिर है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के बाद कुत्तों को प्रसाद खिलाने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. इसके पीछे की कहानी भी काफी रोचक है.

इस मंदिर में कर्ज से मिलती है मुक्ति

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Published : Oct 26, 2019, 10:40 AM IST

Updated : Oct 26, 2019, 2:41 PM IST

डिंडौरी। देश के दिल यानी मध्यप्रदेश में ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जिनसे लोगों की आस्था जुड़ी है और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं, लेकिन आज जिस मंदिर से आपको हम रू-ब-रू करा रहे हैं, वह दूसरे मंदिरों से जुदा है. दरअसल मान्यता है कि यहां पहुंचने से भक्तों को ऋण से मुक्ति मिलती है, चाहे वह किसी भी तरह का कर्ज क्यों न हो. मंदिर में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं, इसलिए इस मंदिर की पहचान ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के रूप में होती है.

डिंडौरी का अनोखा मंदिर, जहां कर्ज से मिलती है मुक्ति

मंदिर से जुड़ी किवदंती

जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कुकर्रामठ गांव में मौजूद ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर कल्चुरीकालीन बताया जाता है. ये डिंडौरी के अलावा दूसरे जिलों के लोगों के लिए भी आस्था का बड़ा केंद्र है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मौजूद शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद मंदिर में मौजूद श्वान को प्रसाद खिलाता है, उसे कर्ज से मुक्ति मिल जाती है.

श्रद्धालु बताते हैं कि जब बंजारे का कुत्ता अपने स्वामी के पास गया, तो उसे बेहद गुस्सा आया और उसने कुत्ते को मार दिया. इसके बाद क्या कुत्ते की समाधि पर मंदिर की स्थापना की गई और फिर शिवलिंग का निर्माण भी कराया गया.

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम भी इस मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने मंदिर के प्रति आस्था जताते हुए मंदिर के रखरखाव के बारे में बताया.

नक्काशी युक्त शिला भी मौजूद हैं

मंदिर में मौजूद शिवलिंग के दर्शन के बाद लोग मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा लगाते हैं. मंदिर के नजदीक ही सुंदर और नक्काशी युक्त शिला रखे हुए हैं, जहां कुत्तों को घूमने-फिरने की पूरी आजादी रहती है, क्योंकि उन्हें आस्था की नजर से देखा जाता है. मंदिर को प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत राष्ट्रीय महत्व वाला मंदिर घोषित भी किया गया है, इसलिए मंदिर के आसपास सुरक्षा और सुंदरता की देखरेख पुरातत्व विभाग करता है.

Last Updated : Oct 26, 2019, 2:41 PM IST

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