डिंडौरी। नवरात्रि के त्योहार में जगतजननी नारी के हर रूप की झांकियां बैठाकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है. कभी वह दुर्गा बनकर भक्तों को प्यार करती हैं, तो कभी लक्ष्मी बनकर भक्तों पर वैभव बरसाती हैं, तो काली बनाकर दुष्टों को नाश करती हैं.
ऐसे भक्तों की झोली भरने वाली और उनकी मनोकामनाएं पूरी करने वाली मां शारदा विराजित हैं शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर शारदा टेकरी में, बताया जाता है कि खुदाई के दौरान यहां कई मूर्तियां निकली थीं, जिसमें माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी की भी मूर्तियां थी.
शारदा टेकरी के नाम से प्रसिद्ध है यह स्थान
बताया जाता है कि 34 साल पहले यहां के शहपुरा निवासी भगवानदास सोनी को स्वप्न में मां शारदा ने दर्शन दिया था. उसके बाद 1985 में भगवानदास सोनी के द्वारा यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया.
मां शारदा टेकरी के पंडा सोनेलाल विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां मां शारदा के साथ-साथ माता के और भी रूप विराजमान हैं. भक्त यहां माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी के दर्शन को आते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
मां शारदा टेकरी के पुजारी पं गजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि यहां पहले उनके पिता जी पुजारी थे. अब उनके निधन के बाद वे पूजा कराते हैं. यहां दोनों चैत्र और क्वांर की नवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं माता अवश्य पूरी करती हैं.
दर्शनार्थी मधुसूदन साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है. यह लोगों की आस्था का केन्द्र है. यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते हैं.