डिंडोरी। महाराष्ट्र राज्य के पुणे के रहने वाले चित्रे दंपति नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं. जो अपने स्वयं के खर्चे से मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर रहे लोगों की सेवा कर ऋण उतारने नर्मदा तट पर दिन रात लगे हैं. नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए वीरान और बंजर पड़ी जमीन को हरी- भरी कर मानव सेवा की मिसाल पेश की है.
बंजर जमीन को किया हरा-भरा
डिंडोरी जिले के ग्राम कारोपानी स्थित चरखुटिया घाट किनारे बंजर जमीन को हरी- भरी कर उसमें तरह-तरह की सब्जियां पैदा कर रहे ये नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों की सेवा कर रहे हैं. सुधीर चित्रे और प्रतिभा चित्रे मूल रूप से पुणे के रहने वाले है.
2012 से कर रहे हैं लोगों की सेवा
सुधीर चित्रे ने बताया कि, वे अपनी पत्नी प्रतिभा चित्रे के साथ साल 2007 से 2009 तक मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा पूरी किये है. नर्मदा परिक्रमा के दौरान मिलने वाले आश्रमों और लोगों से उन्हें भरपूर सहयोग सेवा के रूप में मिला है. जिसे वे ऋण के रूप में लेकर अब 2012 से अब तक अलग- अलग जिलों में रहकर नर्मदा तट किनारे से पैदल परिक्रमा करने वालों की सेवा में लगे हैं. इस दौरान उन्होंने करीब आठ महीने जिला रायसेन, हरदा, नरसिंहपुर, फिर अमरकंटक और अभी डिंडोरी में रुककर परिक्रमा कर रहे लोगों की भोजन पानी के प्रबंध कर सेवा कर चुके हैं.