डिंडौरी। जिले के जनपद मेंहदवानी मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर नर्मदा का तट ठेला घाट विकास का इंतजार कर रहा है जहां मकर संक्रांति के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. नर्मदा का तट होने के कारण नर्मदा के भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है और साथ ही ठेला घाट आने जाने के लिए दुर्गम और पगडंडी वाला रास्ता अपनाना पड़ता है जिसके कारण श्रद्धालुओं को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है.
नर्मदा का ठेला घाट प्रशासन की अनदेखी का शिकार, विकास का है इंतजार
डिंडौरी जिले के जनपद मेंहदवानी मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर नर्मदा का तट ठेला घाट विकास का इंतजार कर रहा है.
विकास का इंतजार
जानकारों के अनुसार पहले मेंहदवानी, कठौतिया, सरसा, सरसी सहित दर्जनों ग्रामीण ठेला घाट पहुंचते थे, लेकिन जब से कोसमघाट का विकास हुआ है तब से ठेला घाट श्रद्धालुओं का आना जाना कम हो गया है. वही अगर जवाबदार प्रशासन और जनप्रतिनिधि अगर ठेला घाट का विकास करें तो निश्चित है की ठेला घाट जनपद क्षेत्र ही नहीं बल्कि जिले में नर्मदा तट के नाम से जाना जाएगा लेकिन विकास ना होने के कारण श्रद्धालु ठेला घाट आने जाने से कतरा रहे हैं.
Last Updated : Dec 27, 2019, 12:30 PM IST