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'शिव' राज में नर्मदा हो रही मैली, स्वच्छता अभियान की निकली हवा

सीएम शिवराज ने साल 2016 में नर्मदा सेवा यात्रा शुरु की थी.यात्रा का उद्देश्य मां नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त रखना था. वहीं आज जब ईटीवी भारत ने डिंडौरी में ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की तो हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती नजर आई.

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नर्मदा हो रही मैली

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Published : Mar 6, 2021, 9:55 PM IST

डिंडौरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2016 के 11 दिसंबर को मां नर्मदा सेवा यात्रा शुरु की थी. यात्रा का उद्देश्य मां नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त रखना और उसे जीवंत रखने के लिए मां नर्मदा के दोनों तटों पर पौधारोपण कर हरा भरा करना था. इसको लेकर पूरे मध्यप्रदेश में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 6.30 करोड़ से अधिक के पौधे लगाए गए थे. वर्तमान में बीते 4 सालों के बाद पौधरोपण की हकीकत जानने ईटीवी भारत ने डिंडोरी जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों की ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट तैयार की है.

नर्मदा हो रही मैली

गड्ढे बरकरार पौधे हुए बेकार

मां नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान पौधारोपण कर मां नर्मदा को हरा-भरा करने के उद्देश्य से नर्मदा के दोनों तटों पर गड्ढे खोदकर पौधे लगाए गए थे. उनमें कुछ पौधे फलदार थे तो कुछ छायादार पौधे. डिंडौरी के जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम गांगपुर जो मां नर्मदा के किनारे बसा हुआ है. वहां जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो पाया कि बड़ी क्षेत्रफल में ज्यादा तादाद में नर्मदा के किनारे गड्ढे खोदे गए थे, जो अभी भी सुरक्षित हैं लेकिन उन गड्ढों में जो पौधे लगाए गए थे. वह देखरेख के अभाव में सालों पहले दम तोड़ चुके थे. अब उस जगह पर नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान गवाही के रूप में वे गड्ढे ही बचे हैं.

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पौधरोपण कर लूटी थी विभागों ने वाहवाही

मां नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए डिंडौरी जिले के अधिकांश गांव में कई विभागों द्वारा पौधारोपण नर्मदा के किनारे कराया गया था. जिनमें जिला पंचायत विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, नगर परिषद ,जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग इत्यादि के द्वारा बड़ी तादाद में पौधारोपण नर्मदा के किनारे घाटों में कराया गया था. इसके लिए बाकायदा पौधों की देखरेख को लेकर पंचायत स्तर पर लोगों की नियुक्ति की गई थी और जिन किसानों के खेतों में पौधारोपण किया गया था, उन्हें उनका मेहनताना भी सरकार के द्वारा दिया गया था. लेकिन जब ईटीवी भारत गांव पुर गांव पहुंची तो वहां इक्का दुक्का पौधे को छोड़ बाकी जीवित अवस्था में नहीं मिले.

आज भी गंदे नाले नर्मदा में सीधे हो रहे समाहित

मां नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर 2016 में मां नर्मदा सेवा यात्रा के की शुरुआत की थी. उसका कोई खासा असर डिंडौरी में नही दिखाई पड़ता है. डिंडोरी में अगर बात 5 नालों की करें तो 15 वार्डों के मिलने वाले पांच नाले सीधे मां नर्मदा में समाहित हो रहे हैं. जिसके चलते नर्मदा दिन-ब-दिन प्रदूषित होती जा रही है. रहवासियों के द्वारा उनके घरों का पानी सीधे नालियों के जरिए नालों में मिलता हुआ मां नर्मदा में समाहित होता है जो स्नान के दौरान आचमन करने लायक भी शुद्ध नहीं रहता. वहीं वाटर सीवरेज प्लांट का कार्यवाही भी कछुए की गति से चल रहा है.

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