डिंडौरी। इस समय देश कोविड-19 से जूझ रहा है, लॉकडाउन के चलते लोगों की आर्थिक हालात खराब हो चुकी है, खास कर ग्रामीण इलाकों के मध्यम और गरीब तबकों में भुखमरी जैसे हालात बन गए हैं. गांव लौट रहे प्रावसी मजदूरों के लिए सरकार ने मनरेगा के तहत काम तो शुरू किए हैं, पर पंचायतों की लापरवाही से उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. यही हाल है डिंडौरी जिले के खमहा गांव का, जहां पंचायत सारे काम ठेकेदारों को दे दे रही है और वो मजदूरों की जगह मशीनों से काम ले रहे हैं.
जब ईटीवी भारत ने ग्राम के सरपंच गेंदसिंह मरकाम से बात की तो, उन्होंने बड़ी दिलेरी से बताया कि गांव से बीहड़ जाने के लिए ग्रेवल सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें जेसीबी, ट्रैक्टर और मजदूरों को काम दिया जा रहा है. लेकिन जब मौके पर पहुंच कर देखा गया तो न सिर्फ मजदूर नदारद दिखे बल्की यह भी मिला की पंचायत जिस जमीन पर खुदाई कर रहा है, वह सरकारी है जिस पर निर्माण के लिए उन्हें परमीशन नहीं हैं.