डिंडौरी। जिले में रेत खदानों पर सरकारी प्रतिबंध लगने के बाद मंडला जिला के चाबी से रेत की कालाबाजारी की जा रही है. मामले को लेकर डिंडौरी जिला के कुछ स्थानीय पत्रकारों ने खबर को प्रमुखता से छापी थी. खबर के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और एक डंपर के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके बावजूद रेत के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पाई है. खबर छापने से बौखलाए डंपर मालिक और उसके साथी पुलिसकर्मी ने पत्रकार को रविवार देर रात घर जाकर धमकाने की कोशिश की, जिसकी शिकायत पत्रकारों ने डिंडौरी कोतवाली में की है.
अवैध रेत कारोबार की खबर छापना पत्रकारों को पड़ा महंगा, धमकी मिलने के बाद दर्ज कराया केस
जिले में एक पत्रकार को एक डंपर मालिक और पुलिसकर्मी ने धमकाया है. पत्रकार ने अवैध रेत खनन और परिवहन के खिलाफ खबर छापी थी, जिसके बाद उसे धमकी मिलनी शुरू हो गईं हैं.
दरअसल स्थानीय पत्रकार ने डंपर मालिक राजेंद्र कुशराम और उसके साथी पुलिसकर्मी अभिजीत धुर्वे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के जरिए पत्रकार ने आरोप लगाया है कि रविवार की रात डंपर मालिक ने पत्रकार को धमकाया और कहा कि उसका साथी पत्रकार रवि राज बिलैया भी उनके निशाने पर हैं. इसी दौरान उनके साथ आए एक पुलिसकर्मी ने भी उनसे बदतमीजी करते हुए अपशब्द कहे और उनके साथ गाली गलौच भी की. शिकायत में बताया कि पत्रकार ने अवैध खनन और परिवहन को लेकर अखबार में मुहिम छेड़ रखी है, जिस वजह से इस तरह का माहौल बना हुआ है.
पत्रकार ने कहा कि यदि मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो उसके जिम्मेदार दोनों लोग होंगे. उन्होंने मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और संबंधित शख्स के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई मामले पहले भी हो चुके हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं देती है. मामले में एसपी संजय सिंह का कहना है कि पत्रकार राजेश विश्वकर्मा के बारे में उन्हें जानकारी मिली है, जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार लाल को सौंपी गई है. जांच के बाद पुलिसकर्मी और संबंधित डंपर मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मामले को लेकर पत्रकारों में आक्रोश है.