डिंडौरी। सरकार लगातार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास कर रही है. लेकिन उनके ही अधिकारी सरकार की योजनाओं पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. जिले की अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन कई सालों से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है. जहां छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. इसके बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
सामुदायिक केंद्र चल रहा छात्रावास जानकारी के मुताबिक जिले के अमरपुर विकासखंड के अंतर्गत जनपद मुख्यालय अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन साल 2005 से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है. जहां पर छात्राओं को रहने के लिए दो कमरे हैं. जिनमें 100 छात्राएं रहती हैं. जिससे छात्रों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि उन्हें जमीन पर बिस्तर लगा कर सोना पड़ता है. क्योंकि छात्रावास में कमरे इतने बड़े नहीं हैं कि पलंग लगाया जा सकें. छात्राओं के उपयोग में आने वाली सामग्री जैसे बाल्टी, पेटी, स्कूली बैग, किताबें रखने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है.हॉस्टल अधीक्षक और छात्राओं की मानें तो सामुदायिक केंद्र में संचालित हो रहे छात्रावास में शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है.बताया जा रहा है कि जनपद मुख्यालय अमरपुर से लगभग 1 किलोमीटर दूर अंदर ही में नए छात्रावास भवन का निर्माण कई सालों से चल रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी भवन अधूरा है. इस बारे में कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया है. लेकिन किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं है.