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प्रवासी मजदूरों की घर वापसी जारी, प्रशासन से मिली सुविधा से चेहरे पर आई खुशी

डिंडौरी जिले में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी जारी है, इन सभी को जिला प्रशासन जांच के बाद उनके गांव बसों से भेज रहा है और संदिग्धों को क्वारेंटीन भी किया गया है.

Homecoming of migrant laborers in Dindori district
प्रवासी मजदूर

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Published : May 17, 2020, 5:32 PM IST

डिंडौरी। लॉकडाउन के बाद से मज़दूरों के फंसे होने की जानकारी और ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिसे देख लोगों का मन विचलित हो रहा है. इसी बीच कुछ सुकून देने वाली खबर भी है. प्रवासी मजदूरों को उनके ग्रह जिला भेजने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन ऐसे मजदूरों का हेल्थ चेकअप के बाद उनके गांव तक भेजने का काम में जुटा हुआ है.

घरवापसी से खुश मजदूर

शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय तिराहे पर बने चेकपोस्ट पर रोजाना 6 से 7 बसें दूसरे जिले और राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर डिंडौरी लौट रही हैं, ऐसे मजदूरों का पहले स्थानीया प्रशासन एवं स्वास्थ्य टीम के द्वारा हेल्थ चेकअप कराया जा रहा है. उसके बाद उन्हें भरपेट भोजन करवाकर उनके गांव सरकारी वाहनों से छुड़वाया जा रहा है. गांव पहुंच रहे मजदूरों के चेहरे भी खिल उठे हैं.

मुंबई और धार जिले से लौटे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि किस तरह से उन्हे सरकार द्वारा उनके जिले पहुंचने की सुविधा दी है, इसके बाद स्थानीय प्रशासन सरकारी वाहनों से उन्हें उनके गांव तक पहुंचा रहा है.

मुंबई से लौटे मजदूर चंद्र सिंह ने बताया कि वे और उनके 15 साथी काम करने मुंबई गए थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते पिछले 2 माह से मुंबई में फंसे हुए थे. सरकार द्वारा ट्रेन चलवाकर उन्हें रीवा जिला तक पहुंचाया गया, इसके बाद रीवा जिले से प्रशासन ने बस से डिंडौरी पहुंचाया. धार जिले के पीथमपुर में धागा फेक्ट्री में काम करने वाली युवती का कहना है कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से मिली सुविधा से बेहद खुश हैं और इससे भी ज्यादा खुशी अपने घर जाने की है.

रोजाना डिंडौरी पहुंच रहे मजदूर

डिंडौरी तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन के दौरान भोपाल, इंदौर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, गुजरात, मुंबई और अन्य राज्यों में फंसे मजदूर डिंडौरी लौट रहे हैं. इन मजदूरों की जांच के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर कोरेंटीन किया जा रहा है. स्वस्थ्य लोगों को भोजन करवाकर उनके गांव तक पहुंचाया जा रहा है. महाविद्यालयीन बालक छात्रावास के अधीक्षक राजकुमार परस्ते का कहना है कि रोज 6 से 7 बस में मजदूर डिंडौरी पहुंच रहे हैं, जिनके भोजन की व्यवस्था राहत शिविर में की गई है.

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