डिंडौरी। गांधी जयंती के दिन प्रदेश सहित जिले को साफ सुधरा और स्वच्छ रखने के बच्चे सहित बड़ों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई. लेकिन इसके ठीक उलट जिले के करंजिया जनपद क्षेत्र के गोरखपुर गांव के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चे कई सालों से शौंच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. हॉस्टल में गांव के दबंग के द्वारा शौचालय पर कब्जा करने के बाद ऐसे हालात बने हैं. बच्चों ने अपने हक के लिए नारे भी लगाए ताकि प्रशासन तक आवाज पहुंच जाए.
दबंग ने किया छात्रावास के शौचालय पर कब्जा, खुले में शौच को मजबूर हुए छात्र - Open defecation
डिंडौरी के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चे खुले में शौच को मजबूर हैं क्योंकि यहां एक दबंग ने छात्रावास के शौचालय पर कब्जा कर रखा है.
इस छात्रावास में कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक के छात्र ग्रामीण इलाकों से आकर रहते हैं. आश्चर्य की बात है कि छात्र अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं जबकि इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग से लेकर हर बड़े अधिकारी को है.
जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के विधानसभा क्षेत्र में बने इस हॉस्टल का निर्माण 1971 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री के हाथों हुआ था. छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को जब ईटीवी भारत ने उठाया तो मामले को डिंडौरी संयुक्त कलेक्टर ने संज्ञान में लिया है और जांच के निर्देश करंजिया नायाब तहसीलदार को दिए हैं.
जब ईटीवी भारत ने डिंडौरी के संयुक्त कलेक्टर से बात की तो मामले को संज्ञान में लेते हुए संयुक्त कलेक्टर रमेश सिंह ने करंजिया के नायब तहसीलदार चंद्रशेखर को मौके पर जाकर जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही सारी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है.